अगरतला, 25 दिसंबर : सुशासन का लक्ष्य जनकल्याणकारी परियोजनाओं का लाभ पारदर्शिता के साथ समाज के अंतिम पंक्ति तक पहुंचाना है। सुशासन के साथ-साथ प्रशासन और जनता के बीच अच्छे संबंध बनते हैं। वर्तमान सरकार सुशासन तथा जनता और सरकार के बीच अच्छे संबंध स्थापित करने के लिए काम कर रही है। आज डाॅ. मुख्यमंत्री प्रोफेसर (डॉ.) माणिक साहा ने श्यामाप्रसाद सारणी में त्रिपुरा इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन के कार्यालय का उद्घाटन करते हुए यह बात कही. उद्घाटन समारोह में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर सुशासन दिवस भी मनाया गया.
ऊर्जा मंत्री रतनलाल नाथ, वित्त एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रणजीत सिंहराय, युवा मामले एवं खेल मंत्री तिंगकू रॉय, मुख्य सचिव जेके सिन्हा, सूचना एवं संस्कृति विभाग के सचिव डाॅ. प्रदीप कुमार चक्रवर्ती, त्रिपुरा इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन के सीईओ किरण गीती और अन्य। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सहित अतिथियों ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने त्रिपुरा इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन कार्यालय में मीडिया मॉनिटरिंग सेल, मुख्यमंत्री वॉर रूम, कार्यक्रम कार्यान्वयन इकाई का उद्घाटन किया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने प्रवासी त्रिपुरा निवासियों के लिए सीएम डैशबोर्ड और पोर्टल का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने कहा कि त्रिपुरा देश का पांचवां राज्य है जहां इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन शुरू किया जा रहा है। पहले ऐसे संस्थान 17 राज्यों में स्थापित थे लेकिन अब केवल 4 राज्य ही कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 और कई अन्य मुद्दों की निगरानी अब से त्रिपुरा इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मेशन से की जाएगी। परिणामस्वरूप, विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंच रहा है या नहीं, इसकी निगरानी आसानी से संभव हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से वह जनता के सामने समर्पण के विचार पर काम कर रहे हैं. उनके मार्गदर्शन में राज्य सरकार भी जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को पारदर्शिता के साथ क्रियान्वित कर रही है। पारदर्शी प्रशासन विकसित करने के लिए प्रदेश में ई-कैबिनेट, ई-विधानमंडल सहित प्रत्येक सरकारी विभाग में ई-ऑफिस शुरू किये गये हैं। इतना ही नहीं, राज्य के 23 अनुमंडलों और 58 प्रखंड कार्यालयों में ई-ऑफिस लॉन्च करना संभव हो सका है. आने वाले दिनों में राज्य के हर गांव और ग्राम पंचायत कार्यालय में ई-ऑफिस शुरू करने की योजना बनाई गई है।