नई दिल्ली ०३ नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत की निवेशक अनुकूल नीतियों से देश में खाद्य क्षेत्र को नई ऊचाईयां मिली हैं। नई दिल्ली में आज भारत मंडपम में दूसरे वर्ल्ड फूड इंडिया का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत व्यंजनों विविधता वैश्विक निवेशकों के लिए लाभप्रद स्थिति है। खाद्य क्षेत्र में स्टार्ट अप और कंपनियों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा 21वीं सदी की प्रमुख चुनौतियों में से एक है। श्री मोदी ने कहा कि भारत ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है। पैकेट बंद खाद्य वस्तुओं की मांग काफी बढी है और इससे किसानों, स्टार्ट-अप और उद्यमियों को नए अवसर मिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में महिलाओं में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का नेतृत्व करने की स्वभाविक क्षमता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में महिलाओं की सहायता के लिए हर स्तर पर महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि देश की खाद्य संस्कृति हजारों वर्षों में विकसित हुई है और हमारे पूर्वजों ने भोजन की आदतों को आयुर्वेद से जोड़ा। भारत के खाद्य ज्ञान से पूरी दुनिया को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाया जा रहा है और भारत ने मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज, भारत के ‘सुपरफूड बकेट’ का एक प्रमुख घटक है और जल्द ही इसकी स्वीकार्यता पूरे विश्व में होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सतत जीवन शैली के उद्देश्य को साकार करने की दिशा में भोजन की बर्बादी को कम करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खाद्य उत्पादों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए कि खाने की बर्बादी कम से कम हो।
इस अवसर पर, प्रधान मंत्री ने एक लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों के सदस्यों के लिए प्रारंभिक पूंजी सहायता वितरित की। इससे से स्व-सहायता समूहों को पैकेजिंग और गुणवत्तापूर्ण विनिर्माण में सुधार करने और बाजार में बेहतर कीमत मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने वर्ल्ड फूड इंडिया 2023 के हिस्से के रूप में फूड स्ट्रीट का भी उद्घाटन किया। इसमें क्षेत्रीय व्यंजनों और शाही पाक कला विरासत को शामिल किया गया है, जहां 200 से अधिक शेफ भाग लेंगे और पारंपरिक भारतीय व्यंजन पेश करेंगे।