नई दिल्ली 17 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट 2023 के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक ‘भारत-मध्यपूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’ क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार में क्रांति लाएगा। उन्होंने कहा कि जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में आर्थिक गलियारे के संबंध में निर्णय भारत की पहल के कारण लिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इससे माल ढुलाई के खर्च में कमी लाने, पर्यावरण संरक्षण और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगली पीढ़ी के विशाल बंदरगाहों, कंटेनरों को एक देश से दूसरे देश ले जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय पत्तन के निर्माण, द्वीपों के विकास और विभिन्न प्रकार के परिवहन केन्द्रों के विस्तार का कार्य इस परियोजना के अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियों में शामिल है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आने वाले दशकों में विश्व के पांच सबसे बड़े जहाज निर्माता देशों में से एक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का मंत्र है – मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड। उन्होंने यह भी कहा भारत समुद्री क्षेत्रों के विकास के जरिए विश्वभर के जहाज निर्माताओं को एक साथ लाने के एकीकृत दृष्टिकोण पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत भारत की क्षमता का सबूत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संपूर्ण समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने के लिए देश में विभिन्न प्रकार की पहल की गई हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में देश के प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हो गई है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बंदरगाह पर मालवाहक जहाजों को लगने वाले समय में काफी हद तक सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने बंदरगाहों से संपर्क को बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सागरमाला परियोजना के समुद्री तटीय क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले नौ वर्षों में ग्लोबल लॉजिस्टिक्स परफार्मेंस इनडेक्स में भारत की रेटिंग में सुधार हुआ है।
प्रधानमंत्री ने भारतीय नीली समुद्री अर्थव्यवस्था की रूपरेखा के तौर पर अमृत काल विजन 2047 का भी अनावरण किया। इस भविष्योन्मुखी योजना के अनुरूप प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर 23 हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें से कई परियोजनाओं को उन्होंने राष्ट्र को समर्पित किया और विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास किया। यह शिखर सम्मेलन देश के समुद्री क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा।
यह शिखर सम्मेलन मुम्बई के एमएमआरडीए मैदान में आज से 19 अक्टूबर तक चलेगा। इस विशालतम कार्यक्रम का आयोजन केन्द्रीय पत्तन, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने किया है।
महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, पत्तन, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, इसी विभाग के राज्यमंत्री श्रीपद यशो नाईक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।