नई दिल्ली 13 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विरोध और संघर्ष में उलझा विश्व किसी के भी हित में नहीं हो सकता और यह समय शांति और भाईचारे का है। आज नई दिल्ली में यशोभूमि में जी-20 देशों के संसदीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन – पी 20 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खंडित विश्व कभी भी वर्तमान चुनौतियों का समाधान नहीं कर सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सबके विकास और कल्याण के लिए यह समय साथ मिलकर आगे बढ़ने का है। आतंकवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कहीं भी और किसी भी कारण से आतंकवाद मानवता के खिलाफ है। उन्होंने वर्ष 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया।
भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक परंपरा का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और उसके पास लोकतांत्रिक संस्थाओं का समृद्ध इतिहास है। देश के इस समृद्ध लोकतांत्रिक इतिहास में सभा और समिति की भूमिका का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि लोग इन संस्थाओं के माध्यम से सामूहिक निर्णय लिया करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में न केवल विश्व की सबसे बडी चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न होती है, बल्कि इसमें लोगों की भागीदारी भी लगातार बढ़ती जा रही है। श्री मोदी ने कहा कि आम चुनाव उत्सव जैसे माने जाते हैं और आजादी के बाद से 17 आम चुनाव और तीन सौ से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव में साठ करोड़ से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि देश ने प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से चुनाव प्रक्रिया को आधुनिक बनाया है।
प्रधानमंत्री ने देश में महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का सरकार का हाल का फैसला देश में संसदीय परंपरा को और मजबूत करेगा।
प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि 9वां पी-20 सम्मेलन लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग तथा वैश्विक महत्व और वर्तमान चुनौतियों का समाधान ढूंढने की प्रतिबद्धता व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि भारत पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। श्री बिरला ने कहा कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों का मानना है कि पर्यावरण संरक्षण केवल एक देश का विषय नहीं है, बल्कि यह सभी देशों का दायित्व है।
आकाशवाणी संवाददाता ने बताया कि दो दिन का यह सम्मेलन भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम के अनुरूप एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद विषय पर आयोजित है। इसमें विभिन्न देशों की संसद के पीठासीन अधिकारी और सदस्यों के अलावा अफ्रीकी संसद के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं।