अगरतला, 3 अक्टूबर: त्रिपुरा प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। इस दिन जुलूस रवीन्द्र भवन से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों की परिक्रमा करता है। बाद में वे परिवहन आयुक्त के यहां प्रतिनियुक्ति पर मिले।
संगठन की मांगें हैं, त्रिपुरा में निजी परिवहन श्रमिकों के कल्याण के लिए परिवहन श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन, श्रमिकों के लिए पेंशन, ईएसआईसी, पी.एफ. आदि, अन्य राज्यों की तरह, त्रिपुरा सरकार को फिटनेस जुर्माने के रूप में प्रतिदिन 50 टका जुर्माने के मौजूदा नियम को तुरंत वापस लेना चाहिए, पुनर्विक्रय ई-रिक्शा के स्वामित्व को बदलने के लिए एक नियम पेश करना चाहिए और पूरे भारत में एक समान परिवहन कानून लागू करना चाहिए।
उन्होंने यह भी मांग की कि वाहन पंजीकरण अवधि को मौजूदा 15 वर्षों के बजाय 20 वर्ष तक बढ़ाया जाना चाहिए, इलेक्ट्रिक ऑटो (पियागो, टियो आदि) के लिए रोड परमिट प्रणाली शुरू की जानी चाहिए और बेचे जाने वाले इलेक्ट्रिक ऑटो, ऑटो रिक्शा को इस प्रणाली के तहत लाया जाना चाहिए। नए परमिट शीघ्र दिए जाएं। बंद किए जाएं और अंबासा से कमालपुर तक जारी किए गए ऑटो रिक्शा परमिट को अतिरिक्त 15 किमी के दायरे में लाया जाए।
त्रिपुरा प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मजबूर संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष असीम दत्ता ने ये मांगें पूरी नहीं होने पर तुरंत बड़ा आंदोलन करने की धमकी दी है।