नई दिल्ली 25 सितम्बर: पहला C-295 मध्यम सामरिक परिवहन विमान आज औपचारिक रूप से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन में भारतीय वायु सेना के एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। समारोह के दौरान वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इससे पहले श्री सिंह ने दो दिवसीय भारत ड्रोन शक्ति-2023 का उद्घाटन किया।
भारत ने भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो परिवहन बेड़े की जगह 56 एयरबस C-295 विमानों के सेना के शामिल करने की औपचारिक स्वीकृति दे दी है। अनुबंध संबंधी समझौते के अनुसार, एयरबस सेविले में शहर में अपने उत्पादन संयंत्र से उड़ान के लिये तैयार स्थिति में पहले 16 सी295 विमानों की आपूर्ति करेगा।
इसके बाद शेष 40 विमानों का निर्माण और संयोजन भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड-टीएएसएल- द्वारा किया जाएगा. सभी सी-295 विमान परिवहन सेवा में सौंपे जाएंगे और स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से सुसज्जित होंगे। भारतीय वायु सेना को इस महीने की 13 तारीख को स्पेन के सेविले शहर में वायुसेना प्रमुख वीआर चौधऱी की उपस्थिति में पहला C-295 परिवहन विमान सौपा गया था। सी-295 विमान की भार ढोने की क्षमता 5-10 टन है. यह एक बार में लगभग 71 सैनिकों या 49 पैराट्रूपर्स को लेकर जा सकता है.।
भारत ड्रोन शक्ति – 2023 में 75 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप और कंपनियों की सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है। इसमें केंद्र सरकार, राज्य विभागों, सार्वजनिक और निजी उद्योगों, सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और मित्र देशों के प्रतिनिधियों सहित लगभग पांच हजार प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। भारत ड्रोन शक्ति 2030 तक वैश्विक ड्रोन केन्द्र बनने की भारत की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देगा।