नई दिल्ली 16 सितम्बर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ करेंगे। इसका उद्देश्य न केवल देशभर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से समर्थन देना है, बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला और शिल्प के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, संस्कृति और विविध विरासत को जीवित और समृद्ध रखना भी है। श्री मोदी, पारंपरिक शिल्प में लगे लोगों की सहायता करने पर हमेशा ध्यान देते रहे हैं। 18 पारंपरिक शिल्पकारों और कर्मियों को शामिल करने वाली इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्पादों और सेवाओं सर्वसुलभ और गुणवत्ता में सुधार करना है। इसके अलावा इसे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ जोडना भी है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा और पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित कारोबार को मजबूत और पोषित करना है।
केंद्र सरकार इस योजना में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके तहत बायोमेट्रिक-आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके जन सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का नि:शुल्क पंजीकरण किया जाएगा। उन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र दिया जाएगा जिससे उन्हें अपने कौशल में मान्यता मिलेगी। इसके अलावा बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण सहित कौशल उन्नयन और 15 हजार रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा। विश्वकर्माओं को पांच प्रतिशत की रियायती ब्याज दर पर पहली किस्त में एक लाख रुपये और दूसरी किस्त में दो लाख रुपये की सहायता राशि बिना किसी गारंटी के दी जाएगी।
2023-09-16