नई दिल्ली २७ अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत अब सक्षम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का विश्सनीय साझेदार है। आज नई दिल्ली में बिजनेस-20 इंडिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने महामारी के दौरान आपूर्ति श्रृंखला से संबंधित मुद्दों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान जब विश्व को दवाइयों की जरूरत थी, तब भारत ने फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड के रूप में 150 से अधिक देशों को जीवनरक्षक औषधियां उपलब्ध करायीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आपसी विश्वास बहाल करने पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा जो महामारी के दौरान नष्ट हो गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत औद्योगिक विकास क्रम में डिजिटल क्रांति का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहा कि व्यवसाय क्षमता को समृद्धि में, बाधाओं को अवसरों में, आकांक्षाओं को उपलब्धियों में बदलने की सामर्थ्य रखता है। उन्होंने कहा कि निरंतरता, अवसर और व्यवसाय मॉडल दोनों में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बडा उदाहरण है कि संयुक्त राष्ट्र इस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय श्रीअन्न वर्ष के रूप में मना रहा है। उन्होंने ने कहा कि श्रीअन्न पोषक खाद्यान्न होने के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल और छोटे किसानों के लिए लाभकारी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चन्द्रयान मिशन की सफलता में बडी भूमिका निभाई है और इसी के साथ भारतीय उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम तथा निजी कंपनियों ने भी इसमें योगदान किया है। उन्होंने कहा कि यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी- दोनों की सफलता है। उन्होंने कहा कि भारत में उत्सवों का मौसम, चन्द्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ, 23 अगस्त से ही शुरु हो गया है। यह भारत की आर्थिक वृद्धि और नवाचारों को गति देने का उत्सव है, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की मदद से सतत् विकास और समानता का उत्सव है और यह बी-20 शिखर सम्मेलन की थीम – उत्तरदायी, त्वरित, नवाचारी, सतत और न्यायोचित व्यवसाय से संबंधित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाना पर्याप्त नहीं है, उपभोक्ताओं के हित पर अधिक ध्यान दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वर्ष में एक दिन को अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता हित दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। उन्होंने क्रिप्टो करेंसी से जुडे मुद्दों के लिए एकीकृत उपाय अपनाने पर बल दिया।