प्रधानमंत्री अमृत भारत स्‍टेशन योजना के अन्‍तर्गत वीडियो कॉन्‍फ्रैंस के माध्‍यम से 508 रेलवे स्‍टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी

नई दिल्ली ०६ अगस्त : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अमृत भारत स्‍टेशन योजना के अन्‍तर्गत वीडियो कॉन्‍फ्रैंस के माध्‍यम से 27 राज्‍यों के 508 रेलवे स्‍टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इन स्‍टेशनों के पुनर्विकास पर लगभग 25 हजार करोड रूपये की लागत आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्‍येक अमृत स्‍टेशन शहर की आधुनिक आकांक्षाओं को प्राचीन धरोहर का प्रतीक होगा। उन्‍होंने कहा कि अमृत भारत रेलवे स्‍टेशन के तहत लगभग 1 हजार 3 सौ बडे रेलवे स्‍टेशनों का विकास किया जाना है। इनमें से पांच सौ आठ अमृत भारत रेलवे स्‍टेशनों का पुनर्विकास कार्य आज से शुरू हो रहा है। इससे रेल ढांचे में एक बडा परिर्वतन आएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्‍होंने कहा कि अब वर्ष 2014 की तुलना में रेलवे के लिए बजट सहायता 5 गुना बढा कर लाख 40 हजार करोड रूपये कर दी गई है। यह रेलवे के इतिहास में विकास का एक नया अध्‍याय है जिससे देश के आम नागरिकों को लाभ होगा। श्री मोदी ने कहा कि कहा कि वैश्विक स्‍तर पर भारत की विश्‍वनीयता बढी है और भारत के प्रति विश्‍व के दृष्टिकोण में सकारात्‍मक बदलाव आया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार उत्‍तर-पूर्वी राज्‍यों में रेल नेटवर्क के विस्‍तार को प्राथमिकता दे रही है और रेलवे के विद्युतीकरण, पटरियों के दोहरीकरण और नये मार्गों के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। उन्‍होंने कहा कि विपक्ष ने विकास कार्यों की कभी सराहना नहीं की है – बात चाहे नये संसद भवन की हो, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की हो या कतर्व्‍य-पथ के पुनर्विकास की। श्री मोदी ने कहा कि नकारात्‍मक राजनीति से उपर उठने की आवश्‍यकता है क्‍योंकि देश सकारात्‍मक राजनीति के मिशन पर आगे बढ रहा है। 

इस अवसर पर रेलमंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने पिछले नौ वर्षो में रेलवे को काफी प्राथमिकता दी है। उन्‍होंने कहा कि पुनर्विकास के तहत नये रेलवे स्‍टेशनों पर विश्‍वस्‍तरीय सुविधाएं उपलब्‍ध होंगी। श्री वैष्‍णव ने कहा कि पिछले नौ वर्षो में अभूतपूर्व विकास हुआ है जो भारत के विकास के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। पुनर्विकास के लिए चयनित स्‍टेशनों में उत्‍तर प्रदेश और राजस्‍थान में से प्रत्‍येक के 55 स्‍टेशन, बिहार के 49, महाराष्‍ट्र के 44 पश्चिम बंगाल के 37, मध्‍यप्रदेश के 34, असम के 32 और ओडिसा के 25 स्‍टेशन शामिल हैं। इन स्‍टेशन भवनों की डिजाईन में स्‍थानीय संस्‍कृति, धरोहर और वास्‍तुशिल्‍प को शामिल किया जाएगा।

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