नई दिल्ली १४ जून: उत्तर-पूर्व अरब सागर में आने वालाभीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय पिछले छह घंटों के दौरान पांच किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। इसका केंद्र गुजरात में जखाऊ बंदरगाह से करीब दो सौ 90 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम, देवभूमि द्वारका के तीन सौ किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, नलिया के तीन सौ दस किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर के तीन सौ 50 किलोमीटर पश्चिम और पाकिस्तान के कराची से तीन सौ 70 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में स्थित होगा। मौसम विभाग ने बताया कि तूफान बिपरजॉय के कल शाम तक उत्तर-उत्तर पूर्व दिशा की ओर बढ़ने और सौराष्ट्र-कच्छ तथा जखाऊ बंदरगाह के पास गुजरात के मांडवी और पाकिस्तान में कराची के तटीय इलाकों को पार करने की संभावना हैं। इस भीषण चक्रवाती तूफान के कारण 125 से 135 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती है,जो बढ़कर 150 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है।
इस तूफान के कारण कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और सौराष्ट्र के मोरबी जिले में आज अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा से बहुत तेज वर्षा होने की संभावना है। कल बारिश की रफ्तार और तेज होने के आसार है।
पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिले के तटीय क्षेत्रों में 65 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चल रही है, जो 85 किलोमीटर प्रति घंटे रफ्तार तक बढ़ सकती है। कल इन हवाओं की रफ्तार बढ़कर 125 से 135 किलोमीटर प्रति घंटा और अगले 12 घंटे 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के आसार हैं।
कल शाम तक उत्तर-पूर्व और उससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर में समुद्र की स्थिति असामन्य रहेगी। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम अरब सागर और पूर्व-मध्य अरब सागर के बाकी हिस्सों में समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहेगी। सौराष्ट्र और कच्छ के तटों के साथ आज समुद्र की स्थिति खराब से बहुत खराब रहने की संभावना है और हालात कल शाम तक उच्च से असाधारण रहने की संभावना है।
चक्रवाती तूफान से लगभग 2 से 3 मीटर ऊपर की तूफानी लहरों के टकराने से कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर और मोरबी जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ आने की संभावना है। इन जिलों में विभिन्न स्थानों पर 3 से 6 मीटर तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। मौसम विभाग ने आज और कल पूर्व मध्य, पश्चिम मध्य अरब सागर से सटे और पूर्वोत्तर अरब सागर में मछली पकड़ने पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के लिए कहा है। जो लोग समुद्र में हैं उन्हें तट पर लौटने की सलाह दी गई है।