नई दिल्ली २९ अप्रैल : विदेशमंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने कहा है कि भारत के हितों का दायरा बढ़ने और व्यापक वैश्वीकरण के कारण अब लैटिन अमरीका सुदूरवर्ती क्षेत्र नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि लैटिन अमरीका के साथ भारत का व्यापार लगभग 50 अरब डॉलर का हो गया है जिससे इस क्षेत्र के साथ भारत के प्रगाढ होते संबंधों का पता चलता है। डॉ. जयशंकर ने डोमिनिक गणराज्य में राजनयिक कोर और विद्यार्थियों से यह बात कही। डॉ. जयशंकर ने कहा कि इस क्षेत्र में भारत का निवेश लगातार बढ़ रहा है और भारत अब ब्राजील, मैक्सिको, कोलंबिया और गुयाना से भी कच्चे तेल का आयात कर रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी, दवा निर्माण और दुपहिया वाहन के क्षेत्रों में भी भारत की उपस्थिति बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि लैटिन अमरीकी क्षेत्र के देशों के साथ भारत का राजनीतिक सहयोग बढ़ रहा है। विदेशमंत्री ने कहा कि 2016 से ही लैटिन अमरीकी और कैरिबियाई देशों के संगठन के साथ भारत व्यवस्थित तरीक़े से सहभागिता कर रहा है। कैरिबियाई समुदाय और साझा बाज़ार यानी कैरिकॉम और मध्य अमरीकी इंटीग्रेशन प्रणाली- सिका के साथ भी भारत नियमित रूप से संवाद करता है। भारत प्रशांत गठबंधन का भी सदस्य है। डॉ. जयशंकर ने यह भी कहा कि पड़ोस को प्राथमिकता की भारत की नीति दक्षिण एशियाई देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध पर आधारित है।
2023-04-29