नई दिल्ली ६ अप्रैल: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में छह सदस्यों की मौद्रिक नीति समिति ने, विशेषज्ञों की आशाओं के विपरीत नीतिगत दरों को यथावत रखने की घोषणा की है। वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति विवरण की घोषणा करते हुए श्री दास ने कहा कि समिति ने सर्वसम्मति से रेपो दर साढे छह प्रतिशत में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि रिजर्व बैंक स्थिति के अनुसार कार्यवाई करने के लिए तैयार रहेगा।
रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक सरकारी प्रतिभूतियों की तुलना में बैंकों को उधार देता है जबकि रिवर्स रेपो वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक, बैंकों से उधार लेता है। ये दोनो दरें बैंकों से ऋण लेने के बारे में उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। फरवरी 2023 में पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर 50 आधार अंक बढाकर साढे छह प्रतिशत कर दी थी। मुख्य रूप से मुद्रा स्फीति रोकने के लिए पिछले वर्ष मई से रेपो दर में ढाई सौ आधार अंकों की वृद्धि हुई है। रिजर्व बैंक ने वर्ष 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद में साढे छह प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक इस वर्ष छह से आठ जून तक होगी।