नई दिल्ली, 29 नवंबर (हि.स.)। भारत ने प्रसूति के दौरान होने वाली मातृ मृत्यु दर(एमएमआर) में पिछले छह सालों में 26 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। देश के महापंजीयक द्वारा जारी विशेष बुलेटिन के अनुसार 2018-20 के बीच मातृ मृत्यु दर घटकर 97 हो गया। यानी पिछले छह सालों में इसमें 26 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। जहां सबसे अधिक एमएमआर असम में है जहां यह आंकड़ा 195 है वहीं, केरल में सबसे कम एमएमआर 19 है।
मंगलवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ट्वीट करके कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विभिन्न स्वास्थ्य पहल, एवं गुणवत्तापूर्ण मातृ और प्रजनन देखभाल सुनिश्चित करने की योजनाओं से एमएमआर को नीचे लाने में काफी मदद की है। साल 2014-15 से मातृ मृत्यु दर 130 से घटकर 2018-20 में 97 प्रति लाख हो गया है।
उल्लेखनीय है कि साल 2030 तक प्रति लाख इसे 70 पर लाने का लक्ष्य रखा है। विकसित देशों की बात करें तो वहां एमएमआर एक अंक में सिमट गई है। वहीं, असम में एक लाख महिलाओं में से प्रसव के वक्त 195 महिलाओं की मौत हुई, मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 173 है। मातृ मृत्यु दर अभी भी कई राज्यों में 100 से अधिक है जिसमें बिहार, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब और पश्चिन बंगाल शामिल है। सबसे कम मातृ मृत्यु दर केरल में है। यहां यह संख्या 19 है।