जयपुर, 27 नवम्बर (हि.स.)। अपनी स्थापना काल से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने राष्ट्रहित को अपने एजेंडे में रखा। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ समय समय पर आवाज बुलंद की। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। जम्मू कश्मीर से धारा 370 को समाप्त हुआ है। अल्पसंख्यक तुष्टिकरण पर ब्रेक भी लगी है। अलगाववाद, आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंकुश करने में भी सफलता मिल रही है। युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना बढ़ी है। कुछ ऐसे ही मुद्दों पर बातचीत के दौरान एबीवीपी के पूर्वी यूपी क्षेत्र के संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने बेबाकी से अपने विचार व्यक्त किये। प्रस्तुत है प्रमुख अंश –
श्री शाही ने कहा कि यह एबीवीपी के संकल्प, संघर्ष और कार्यशैली का ही परिणाम था कि केंद्र सरकार की निगाह जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 की ओर गयी। 05 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म किया गया। संकल्प शक्ति के साथ काफी वर्षों तक संघर्ष हुआ। लालचौक पर राष्ट्रध्वज फहराने से लगायत कई आंदोलन हुए। बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ हो या कश्मीर से धारा 370 को हटाने का मामला। विद्यार्थी परिषद् ने समय-समय पर अनेक आंदोलनों को धार दिया। बांग्लादेश को तीन बीघा भूमि देने के विरुद्ध भी परिषद् ने ऐतिहासिक सत्याग्रह किया। इस संघर्ष के भी कई सकारात्मक परिणाम रहे। तीन बीघा जमीन मामले से जुड़े स्थानीय लोग अब हर साल 26 जून को शहीद दिवस मनाते हैं। यह तीन बीघा आंदोलन में मारे गए दो आंदोलनकारियों की याद में मनाया जाता है।
शैक्षिक वातावरण सुधारना, विद्यार्थियों को मौका दिलाना दायित्व
उन्होंने कहा कि हम छात्र संगठन हैं। इसलिए शैक्षिक वातावरण को सुधारना हमारा दायित्व है। शिक्षा के व्यवसायीकरण इस खिलाफ बार-बार आवाज उठाया। अब इस संघर्ष के विजयी भाव को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के रूप में देखा जा सकता है। हम कह सकते हैं कि भारतीयों को अब जाकर सच्चे अर्थों में भारतीय ज्ञान अर्जित करने का मौका मिल रहा है। निर्धन मेधावी छात्र-छात्राओं के हित में भी संघर्ष कर उन्हें अवसर दिलाने की कोशिश हो रही है। इस कार्य में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सफल भी हो रहा है। इसके पीछे एबीवीपी की भरपूर कोशिशें छिपी हैं। इस कार्य को परवान चढ़ा एबीवीपी ने खुद को सर्वश्रेष्ठ छात्र संगठन साबित किया है। जिन छात्र या छात्राओं को किन्ही कारणवश प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निजी कोचिंग संस्थानों का खर्च वहन करने में कठिनाई आ रही है, उनके लिये हमने स्वामी विवेकानंद निःशुल्क शिक्षा शिविर का आयोजन करना शुरु किया है। हमारा यह प्रयास उनकी सफलता की राह को आसान कर रहा है।
मिल रही आशातीत सफलता
श्री शाही ने कहा कि अलगाववाद, अल्पसंख्यक तुष्टीकरण, आतंकवाद और भ्रष्टाचार जैसी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ भी लगातार संघर्ष हो रहा है। इनके नियंत्रण में भी आशातीत सफलताएँ मिलने लगीं हैं।
सामाजिक सरोकारों से भी है नाता
पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री का कहना है कि सामाजिक सरोकारों से भी एबीवीपी का गहरा नाता है। रक्तदान मामले में बिहार अव्वल है। यहाँ सबसे ज्यादा रक्तदान करने का रिकॉर्ड एबीवीपी के नाम दर्ज है। यह न सिर्फ जरुतमन्दों के लिये फायदेमंद है बल्कि युवाओं में सहयोगी भावना को बढ़ाने का कार्य भी है। युवाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। समाज में यह संदेश जा रहा है कि रक्तदान का कार्य एक जीवन की निरंतरता को बनाये रखने वाला कदम है। किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को ऐसा करने से कोई हानि नहीं है। हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए।