दिल्ली, 26 नवंबर (हि.स.)। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को कहा कि संगठन की ओर से आज आवाह्न किए गए राष्ट्रव्यापी”राजभवन चलो” कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
एसकेएम के आह्वान पर आज मजदूरों, छात्रों, युवाओं, महिलाओं और आम लोगों के समर्थन के साथ किसानों ने बड़े मार्च और रैलियां निकाली। इसमें 25 राज्यों की राजधानियों, 300 से अधिक जिला मुख्यालयों और कई तहसील मुख्यालयों पर विरोध सभाएं आयोजित की गईं। कुल मिलाकर, यह अनुमान है कि पूरे भारत में 3000 से अधिक विरोध प्रदर्शन हुए।
एसकेएम ने कहा कि किसान विरोधी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने और किसानों की मांगों का ज्ञापन सौंपने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के ‘राजभवन चलो’ आह्वान में शामिल होने के लिए पांच लाख से अधिक नागरिक सड़कों पर उतरे। राज्य के राज्यपालों के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को, केंद्र में सत्ताधारी दल की किसान विरोधी गतिविधियों में हस्तक्षेप करने और रोकने के लिए किसानों ने अपनी मांगों का ज्ञापन दिया।
एसकेएम ने कहा कि संबंधित राज्यों की प्रमुख स्थानीय मांगों के साथ (1) सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से गारंटीकृत सीटू 50 फीसदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) (2) एक व्यापक ऋण माफी योजना के माध्यम से कर्ज मुक्ति (3) बिजली संशोधन विधेयक, 2022 को वापस लेना (4) लखीमपुर खीरी में किसानों व पत्रकारों के नरसंहार के आरोपी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी एवं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई (5) प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की फसल बर्बाद होने पर शीघ्र क्षतिपूर्ति के लिए व्यापक एवं प्रभावी फसल बीमा योजना (6) सभी मध्यम, छोटे और सीमांत किसानों और कृषि श्रमिकों को 5,000 रुपया प्रति माह की किसान पेंशन (7) किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मामलों को वापस लेना (8) किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को मुआवजे का भुगतान शामिल है।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2020 को ही एसकेएम ने “दिल्ली चलो” आंदोलन शुरू किया था।