महिलाओं के खिलाफ किसी भी हिंसा को धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए: गिरिराज सिंह

नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी हिंसा को धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए और बिना किसी पूर्वाग्रह के सभी की कड़ी निंदा होनी चाहिए।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ रिपोर्ट के आंकड़ों का हवाला देते हुए गिरिराज सिंह ने गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत में 2021 के दौरान दुष्कर्म के 31,677 मामले दर्ज किए गए। यह दैनिक आधार पर औसतन 86 बनते हैं। वहीं महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगभग 49 मामले हर एक घंटे में दर्ज किए गए। 2020 में बलात्कार के मामलों की संख्या 28,046 थी, जबकि 2019 में यह 32,033 थी।

सिंह नई दिल्ली में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ‘लिंग आधारित भेदभाव के खिलाफ एक समुदाय-नेतृत्व वाले राष्ट्रीय अभियान’ के शुभारंभ के बाद बोल रहे थे।

‘लिंग आधारित हिंसा का उन्मूलन’ विषय के साथ ‘नई चेतना-पहल बदलव की’ नामक महीने भर चलने वाले अभियान को देश के सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में ‘जन आंदोलन’ के रूप में 25 नवंबर से 23 दिसंबर, 2022 तक आयोजित किया जाएगा।

यह एक वार्षिक अभियान होगा जो प्रत्येक वर्ष विशिष्ट लैंगिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस वर्ष अभियान का फोकस क्षेत्र लिंग आधारित हिंसा है। यह अभियान सीएसओ भागीदारों के सहयोग से सभी राज्यों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा, और राज्य, जिला, ब्लॉक सहित सभी स्तरों द्वारा सक्रिय रूप से क्रियान्वित किया जाएगा जिसमें विस्तारित समुदाय के साथ सामुदायिक संस्थानों को शामिल किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री ने ‘नई चेतना-पहल बदलाव की’ नामक महीने भर चलने वाले अभियान की शुरुआत की। उन्होंने लिंग आधारित भेदभाव के खिलाफ एक समुदाय-नेतृत्व वाला राष्ट्रीय अभियान हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता के लिए 13 राज्यों में 160 लिंग संसाधन केंद्रों का भी उद्घाटन किया।

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