नई दिल्ली, 22 नवम्बर (हि.स.)। चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने भारत केंद्रित पश्चिमी थिएटर कमांड के लिए तीन और संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड को रिजर्व फॉर्मेशन के रूप में तैनात किया है। एक को सिक्किम में और दूसरी ब्रिगेड को अरुणाचल प्रदेश में तैनात किया गया है। एलएसी पर माइनस 40 डिग्री तापमान में तैनात की गईं इन तीनों चीनी ब्रिगेड पर भारत पैनी नजर रख रहा है। चीन के किसी भी दुस्साहस को जवाब देने के लिए सेना और वायु सेना तैयार है।
चीन के कब्जे वाले अक्साई चिन में पीएलए पूरी तरह से तैनात है। यहां उनके रॉकेट, आर्मर, आर्टिलरी और मिसाइल सपोर्ट रेजीमेंट के साथ सेना के दो डिवीजन और बॉर्डर गार्ड डिवीजन मौजूद हैं। भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव के बीच पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अपने वेस्टर्न थिएटर कमांड को मजबूत कर रही है। पीएलए की वेस्टर्न थिएटर कमांड के पास ही भारत से लगी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। पीएलए ने दो संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड को अरुणाचल प्रदेश में तैनात किया है और एक अन्य ब्रिगेड को चीन-भूटान सीमा के पास सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक रिजर्व के रूप में तैनात किया है।
इन तीनों ब्रिगेड को पीएलए के पूर्वी और दक्षिणी थिएटर कमांड से वेस्टर्न थिएटर कमांड में शामिल किया गया था। पीएलए की सभी ब्रिगेड में लगभग 4,500 सैनिक हैं। भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सर्दियों के शुरू होते ही पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड और रिजर्व के रूप में लाए गए तीनों संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है। सेना की यह भी नजर है कि ये चीनी ब्रिगेड अपने ठिकानों पर वापस जाएगी या पश्चिमी थिएटर कमांड के गहराई वाले क्षेत्रों में तैनात रहेगी। भारत को चीन के साथ 17वें दौर की कमांडर स्तरीय सैन्य वार्ता का इन्तजार है, जिसमें यह मुद्दा उठ सकता है।
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कई बार कह चुके हैं कि एलएसी पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने की एकमात्र कुंजी है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने भी बताया था कि चीन एलएसी पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। चीन के कब्जे वाले अक्साई चिन में पीएलए सैनिकों की संख्या में कमी नहीं आई है। एक अधिकारी के मुताबिक होतान, काशगर, ल्हासा और न्यिंगची हवाई अड्डों पर लड़ाकू विमानों के अलावा गार गुंसा हवाई अड्डे पर पीएलए वायु सेना भी स्टैंडबाय पर है। भारत को उम्मीद है कि पीएलए ब्रिगेड अपने मूल ठिकानों पर वापस चले जाएंगे, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो इंडियन आर्मी को सर्दियों में चौकन्ना रहना पड़ेगा।