सरकारी नौकरी देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है सरकार : प्रधानमंत्री

नई दिल्ली, 22 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लगभग 71 हजार युवाओं को डिजिटल माध्यम से नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज का ये विशाल ‘रोजगार मेला’ इस बात का प्रमाण है कि सरकार किस तरह सरकारी नौकरी देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधन में कहा कि भारत के 45 से अधिक शहरों में 71 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं। इससे आज एक साथ देश के हजारों घरों में खुशहाली आएगी। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले माह धनतेरस के दिन केंद्र सरकार ने युवाओं को 75 हजार नियुक्ति पत्र बांटे थे। प्रधानमंत्री ने कहा- “आज का ये विशाल रोजगार मेला दिखाता है कि सरकार किस तरह सरकारी नौकरियां देने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।”

एक महीने पहले रोजगार मेले की शुरुआत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई केंद्र शासित प्रदेश और राज्य समय-समय पर ऐसे रोजगार मेले आयोजित करते रहेंगे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि हजारों युवाओं को संबंधित सरकारों द्वारा महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली और चंडीगढ़ में नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि गोवा और त्रिपुरा भी कुछ दिनों में इसी तरह के रोजगार मेले आयोजित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस शानदार उपलब्धि के लिए डबल इंजन सरकार को श्रेय दिया और आश्वासन दिया कि देश के युवाओं को रोजगार मेले के माध्यम से नियुक्ति पत्र देने का ये अभियान ऐसे ही अनवरत जारी रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे युवा देश में हमारे करोड़ों नौजवान इस राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत हैं। देश के युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में ज्यादा से ज्यादा उपयोग मंत आए ये केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने नए लोकसेवकों का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी। उन्हें यह भी याद दिलाया कि वे इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को एक बहुत ही खास समय अवधि यानी अमृत काल में संभाल रहे हैं। साथ ही अमृत काल में देश के विकसित राष्ट्र बनने के संकल्प में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। मोदी ने केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के रूप में उनसे कहा कि उन्हें अपनी भूमिका और कर्तव्यों को व्यापक रूप से समझना चाहिए और अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए क्षमता निर्माण पर लगातार ध्यान देना चाहिए।

आज लॉन्च किए गए कर्मयोगी भारत प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने सरकारी अधिकारियों के लिए कई ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की उपलब्धता की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘कर्मयोगी भारत’ प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है, उसमें कई तरह के ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं। इससे आपकी स्किल भी अपग्रेड होगी और भविष्य में आपको अपने करियर में भी काफी लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने महामारी और युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर युवाओं के लिए पैदा हुए संकट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में भी दुनिया भर के विशेषज्ञ भारत के विकास को लेकर आशान्वित हैं। प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि आज भारत सेवा निर्यात के मामले में विश्व की बड़ी ताकत बन गया है। जानकारों की मानें तो भारत दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग पावर हाउस बनने की राह पर है। उन्होंन कहा कि जहां पीएलआई जैसी योजनाओं की इसमें बड़ी भूमिका होगी वहीं इसका मुख्य आधार भारत का स्किल युवा ही होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएलआई योजना से 60 लाख रोजगार सृजित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया, वोकल फॉर लोकल और स्थानीय को वैश्विक स्तर पर ले जाने जैसे अभियान रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर पैदा कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में नौकरियों की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ये अवसर युवाओं के लिए उनके अपने शहरों और गांवों में उभर रहे हैं। इससे युवाओं की पलायन की मजबूरी कम हुई है और वे अपने क्षेत्र के विकास में अपनी भूमिका निभा पा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप से लेकर स्वरोजगार और अंतरिक्ष से लेकर ड्रोन तक के क्षेत्रों में उपायों द्वारा सृजित नए अवसरों पर प्रकाश डाला। हमारे 80 हजार से अधिक स्टार्ट-अप युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दे रहे हैं। स्वामित्व योजना और रक्षा क्षेत्र में दवा, कीटनाशक और मैपिंग में ड्रोन का तेजी से उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं के लिए नए रोजगार सृजित हो रहे हैं। कुछ दिनों पहले भारत में निजी क्षेत्र द्वारा भारत के पहले अंतरिक्ष रॉकेट के प्रक्षेपण को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के निर्णय की सराहना की जिससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए। उन्होंने 35 करोड़ से अधिक के मुद्रा ऋणों का उदाहरण देते हुए कहा कि आज जो अपना व्यापार करना चाहते हैं उन्हें मुद्रा लोन से बड़ी मदद मिल रही है।

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