भोपाल, 20 नवंबर (हि.स.)। अरब देश कतर में आज (रविवार) शाम 7ः30 बजे फुटबॉल के महाकुंभ फीफा विश्व कप का आगाज होगा। रात नौ बजे से मैच की शुरुआत होगी। इसमें दुनियाभर की 32 टीमें हिस्सा लेंगी, लेकिन इस बार का यह विश्व कप मध्य प्रदेश के लिए खास होगा। इसमें मंडला जिले की बेटी शैफाली चौरसिया अपनी आवाज का जादू बिखेरेंगी। फीफा विश्व कप में उनके 13 शो होंगे। इनमें वह हिंदी में गाने गाएंगी।
मंडला जिले के नैनपुर की शैफाली चौरसिया के पिता संतोष चौरसिया पान के थोक व्यवसायी हैं। मां संध्या चौरसिया हाउस वाइफ हैं। बड़े परिवार के बीच पली-बढ़ी शैफाली पांच भाई-बहनों में चौथे नंबर की हैं। नैनपुर में जन्मी 29 साल की शैफाली को बचपन से ही सिंगिंग का शौक था। इसे देखते हुए पिता ने शैफाली को इसी क्षेत्र में आगे बढ़ाया। वे कई अवॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं।
संतोष चौरसिया ने बताया कि शैफाली ने पांचवीं तक की पढ़ाई नैनपुर के सरस्वती शिशु मंदिर से की। सिंगिंग के प्रति लगाव देखकर उन्होंने नैनपुर में ही सिंगिंग के समर कैंप में उसका दाखिला कराया। शैफाली ने यहां एक महीने ट्रेनिंग ली। इसके बाद उन्होंने बेटी को जबलपुर के भात खंड संगीत महाविद्यालय में पढ़ाई के लिए भेजा। शैफाली ने जबलपुर से ही 12वीं पास की।
इसके बाद शैफाली कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए नागपुर चली गईं। यहां तुकोजी महाराज विश्विद्यालय से संगीत में एमए किया। उन्होंने एमए में विश्विद्यालय में टॉप किया। इसके लिए उन्हें गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। यहां से चार साल पहले 2018 में बॉलीवुड में किस्मत आजमाने वे मुंबई चली गई। वहां एक ऑर्केस्ट्रा ग्रुप जॉइन कर लिया। एक स्कूल में बतौर म्यूजिक टीचर भी काम किया। शैफाली के सूरत, मोरबी, मुंबई सहित देश के विभिन्न शहरों में शो होते रहते हैं। इसी दौरान उनकी प्रतिभा को देखते हुए ऑर्केस्ट्रा ग्रुप के मिलिंद वानखेड़े और जहीर दरबार ने उन्हें फीफा वर्ल्ड कप में परफॉर्म करने वाली टीम में शामिल कर लिया।
शैफाली फीफा विश्व कप में मुंबई के संगीतकार मिलिंद वानखेड़े और उनकी टीम के साथ कतर में परफॉर्मेंस देंगी। इसके लिए भारत से 70 सदस्यों का एक दल कतर पहुंच चुका है। शैफाली के मुताबिक फीफा विश्व कप में खेले जाने वाले मैच के दौरान प्रोजेक्टर के माध्यम से मनोरंजन के लिए गीतों के शो को प्रदर्शित किया जाएगा। यह गीत मैच के बीच होने वाले अंतराल में प्रदर्शित होंगे। शैफाली का मानना है कि फुटबॉल के महाकुंभ में प्रदर्शन करना सपनों के साकार होने जैसा है।