भारतीय जहाजों और टोही विमानों ने समुद्री युद्धाभ्यास में हिस्सा लेकर दिखाई ताकत
– भारत-प्रशांत क्षेत्र की चार प्रमुख नौसेनाएं चीन की समुद्री ताकत के खिलाफ एक साथ
नई दिल्ली, 16 नवम्बर (हि.स.)। क्वाड समूह के देशों का बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास मालाबार का 26वां संस्करण जापान के योकोसुका में खत्म हो गया। जापान की मेजबानी में हुए इस सालाना नौसैन्य अभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व पूर्वी बेड़े के जहाजों शिवालिक और कमोर्टा ने किया। चार देशों के इस समुद्री अभ्यास को हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच के रूप में देखा गया है।
समुद्री नौसैन्य अभ्यास की मालाबार की शुरुआत वर्ष 1992 में भारत और अमेरिकी नौसेना के बीच हुई थी। 2015 में जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल भी मालाबार अभ्यास में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हो गया। इसके बाद 2020 के अभ्यास संस्करण में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने भी इसमें हिस्सा लिया। अब क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्यूयूएडी-क्वाड) में भारत-प्रशांत क्षेत्र की चार प्रमुख नौसेनाएं भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। नौसैन्य अभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व पूर्वी बेड़े के जहाजों शिवालिक और कमोर्टा ने किया, जिसका नेतृत्व पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल संजय भल्ला ने किया। भारत के पी-8आई टोही विमानों ने भी समुद्री युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया।
मालाबार अभ्यास का समुद्री चरण योकोसुका के पास पांच दिनों तक चला और इसमें लाइव हथियार फायरिंग, सतह, एंटी-एयर और एंटी-सबमरीन युद्ध अभ्यास और सामरिक प्रक्रियाएं देखी गईं। इस अभ्यास ने चारों नौसेनाओं की क्षमता को मजबूत करने के साथ ही सामरिक कौशल को सुधारने में सक्षम बनाया। इस हाई वोल्टेज अभ्यास में चार लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों, हेलिकॉप्टरों और दो पनडुब्बियों के साथ-साथ एक परमाणु संचालित विमान वाहक सहित ग्यारह जहाजों की भागीदारी देखी गई। इस अभ्यास में भाग लेने वाले विभिन्न जहाजों के बीच ‘सी राइडर्स’ का आदान-प्रदान भी शामिल था।
परिचालन अभ्यास के अलावा इसमें भाग लेने वाले देशों के बीच द्विपक्षीय रसद समर्थन समझौते थे, जिसे अभ्यास मालाबार के इस संस्करण के दौरान मान्य किया गया। इस अभ्यास से एक दूसरे की परिचालन पद्धतियों की समझ बढ़ाने और असंख्य समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग करने की क्षमता में मदद मिली। जापानी नौसेना के कमांडर इन चीफ वाइस एडमिरल युसा हिदेकी, यूएस नेवी सेवेंथ फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल कार्ल थॉमस और ऑस्ट्रेलियन फ्लीट के कमांडर रियर एडमिरल जोनाथन अर्ली ने भी अपनी-अपनी नौसेनाओं के कर्मियों के साथ समारोह में भाग लिया।
इस साल मालाबार एक्सरसाइज का मुख्य उद्देश्य एंटी-सबमरीन वॉरफेयर ड्रिल था। जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) ने अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 06 नवंबर को योकोसुका में अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) भी आयोजित किया, जिसमें भी भारतीय जहाज शामिल हुए थे। इसी दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने पांच दिवसीय जापान यात्रा के दौरान लगभग 30 देशों के अपने समकक्षों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य प्रमुखों के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाने पर बातचीत की है। उनकी यह आधिकारिक यात्रा जापान के बीच उच्च स्तरीय द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के साथ-साथ बहुपक्षीय गतिविधियों में भारत के सक्रिय समर्थन और भागीदारी का प्रतीक है।