बाली, 15 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को यहां भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी में भारत विश्व के लिए आशा की एक किरण है। भारत इसे जिम्मेदारी के तौर पर देखता है और अपने विकास के रोड मैप में दुनिया की आर्थिक राजनीतिक आकांक्षाओं को भी समाहित कर कर आगे बढ़ता है।
प्रधानमंत्री ने आज इंडोनेशिया के बाली में भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए उन्हें इंदौर में अगले वर्ष होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस में आने का न्यौता भी दिया। अपने संबोधन में भारतीय समुदाय के समक्ष प्रधानमंत्री ने भारत-इंडोनेशिया संबंधों, भारत की वर्तमान विकास यात्रा और वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका रखी।
वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड का मंत्र दिया। वैश्विक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के लिए भारत ने वन अर्थ प्रोग्राम शुरू किया। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत ने मिशन ‘लाइफ’ का समाधान दिया।
उन्होंने कहा कि आज जब पूरा विश्व पर्यावरण अनुकूल और समग्र स्वास्थ्य देखभाल की ओर आकर्षित हो रहा है, तो भारत का योग और आयुर्वेद पूरी मानवता के लिए तोहफा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया साझा विरासत और संस्कृति के माध्यम से आपस में जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को लहरों की तरह उमंग से भरा और जीवंत रखा है। आज भारत के इंजीनियर, चार्टर्ड एकाउंटेंट और विभिन्न पेशेवर इंडोनेशिया के साथ कुशलतापूर्वक सहयोग कर रहे हैं। भारत के कई तमिल लोग इंडोनेशिया की संस्कृति को समृद्ध बनाने में बहुत योगदान दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में योग्यता, तकनीक, नवाचार और उद्योग है जिसने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। 2014 के बाद से भारत में बहुत तेज गति और बड़े स्तर से काम हो रहा है। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। डिजिटल ट्रांजेक्शन में भारत नंबर वन है। ग्लोबल फिनटेक में भारत नंबर वन है। रक्षा के क्षेत्र में, भारत दशकों से आयात पर निर्भर था। लेकिन अब मिसाइल हो या तेजस फाइटर, हर बढ़ती रक्षा क्षमता अब दुनिया को मंत्रमुग्ध कर रही है।
उन्होंने कहा, “भारत और इंडोनेशिया 90 समुद्री मील दूर हो सकते हैं, लेकिन वास्तव में हम 90 समुद्री मील दूर नहीं बल्कि 90 समुद्री मील करीब हैं।”
अपनी सरकार की उपलब्धियों को तुलनात्मक तरीके से समझाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने अमेरिका की आबादी जितनी लोगों के खाते खोले हैं, ऑस्ट्रेलिया की आबादी जितने लोगों के लिए घर बनाए हैं और इतना लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया है कि वह पूरी दुनिया का डेढ बार चक्कर लगा सकता है। अमेरिका और यूरोप की कुल आबादी से ढाई गुना लोगों को भारत ने कोरोना काल में मुफ्त में टीके लगाए हैं। आज भारत दवा क्षेत्र में और वैक्सीन में आत्मनिर्भर है जिसका महामारी के दौरान दुनिया को लाभ मिला है।
भारत और इंडोनेशिया को सुख-दुख का साथी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2018 में इंडोनेशिया के बड़े भूकंप के दौरान भारत ने तुरंत ऑपरेशन समुद्र मैत्री शुरू किया था। बाली की यह भूमि महर्षि मार्कंडेय और महर्षि अगस्त्य के तप से पवित्र है। भारत में अगर हिमालय है तो बाली में आगुंग पर्वत है। भारत में अगर गंगा है तो बाली में तिर्था गंगा है। हम भी भारत में हर शुभ कार्य को का श्रीगणेश करते हैं यहां भी श्री गणेश घर-घर विराजमान है। पूर्णिमा का व्रत, एकादशी की महिमा, त्रिकाल संध्या के जरिए सूर्य उपासना की परंपरा, मां सरस्वती के रूप में ज्ञान की आराधना यह सब हमें जोड़ते हैं।
उन्होंने कहा, “हम जब भारत में भगवान राम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर की नींव रखी जाती है तो इंडोनेशिया की रामायण परंपरा को भी गर्व से याद करते हैं।”