अनुच्छेद 370 हटने के उपरान्त भी कश्मीर में हिंसा नहीं रूकी : डॉ. चारुदत्त

वाराणसी,12 नवम्बर (हि.स.)। भारत और नेपाल को संवैधानिक दृष्टि से हिन्दू राष्ट्र बनाने की योजना बनाने के लिए शनिवार को सारनाथ आशापुर स्थित एक बैंक्वेट सभागृह में हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन प्रारंभ हुआ । अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्म प्रचारक नीलेश सिंगबाळ ने बताया कि ‘‘ज्ञानवापी क्षेत्र की मुक्ति के लिए चल रहे कानूनी संघर्ष को उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, दिल्ली आदि राज्यों तथा नेपाल, अमेरिका से 100 से अधिक संगठनों ने समर्थन देकर काशी-विश्वनाथ की सेवा करने का संकल्प लिया है ।

अधिवेशन में ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की पूजा की अनुमति मिलने के लिए कानूनी संघर्ष कर रही महिला याचिकाकर्त्ता तथा डॉ. सोहनलाल आर्य, डॉ. रामप्रसाद सिंह तथा अधिवक्ता मदन मोहन यादव का सम्मान किया गया ।

जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक डॉ. चारुदत्त पिंगले ने अधिवेशन के बीज वक्तव्य में कहा कि ‘‘अनुच्छेद 370 हटने के उपरान्त भी कश्मीर में टार्गेट किलिंग नहीं रुकी है । पुनः घाटी से कश्मीरी हिंदू पलायन कर रहे है । कश्मीर के पश्चात अब गुजरात, देहली, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के हिन्दू समाज को भी अपने घरों पर ‘मकान बिकाऊ’ के बोर्ड लगाने पड रहे हैं । ऐसी स्थिति हिन्दू समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए हिन्दू राष्ट्र का आंदोलन प्रखर बनाए ।’’

अधिवेशन में नेपाल के किशोर गौतम ने कहा कि ‘‘आज की स्थिति में विश्व में एक भी हिन्दू राष्ट्र पृथ्वी पर नहीं है। नेपाल में ईसाइयत तीव्रता से फैल रही है । आने वाले काल में मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश जैसा नेपाल एक ईसाई राज्य बनेगा । इस षड्यंत्र को रोकने के लिए भारत और नेपाल में संयुक्त प्रयास होने की आवश्यकता है ।’’

अधिवेशन के उदघाटन सत्र में भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी ब्रह्मयानंद और योगीराज पीठाधीश्वर राजकुमार ने भी मार्गदर्शन दिया। हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित अधिवेशन के उद़्घाटन सत्र में ‘सनातन पंचांग 2023’ की हिंदी एन्ड्रॉइड अप का लोकार्पण किया गया ।

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