इस्लामाबाद, 08 नवंबर (हि.स.)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हमले के छह दिन बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज हो सका है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद मुकदमा तो दर्ज कर लिया है, लेकिन इमरान के आरोपों के अनुरूप प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, आंतरिक मामलों के मंत्री राणा सनाउल्लाह और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर का नाम इसमें शामिल नहीं किया है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद तक आजादी मार्च निकाल रहे थे। बीते गुरुवार को इस मार्च के सातवें दिन वजीराबाद में जफर अली खान चौक के पास इमरान खान के वाहन के पास इमरान को निशाना बनाकर गोलियां बरसाई गयीं। ताबड़तोड़ चली गोलियों में इमरान खान सहित नौ लोग घायल हुए और हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। पुलिस ने मौके से एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया था।
हमले के बाद इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, आंतरिक मामलों के मंत्री राणा सनाउल्लाह और पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर पर हमले की साजिश का आरोप लगाया था। इसके बावजूद अब तक मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा था। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब प्रांत की पुलिस को 24 घंटे के अंदर इमरान खान पर हमले के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इस मुकदमे में मुख्य आरोपित के रूप में घटनास्थल से गिरफ्तार हमलावर नवीद मोहम्मद बशीर का नाम शामिल किया गया है। इमरान के आरोप लगाए जाने के बावजूद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर का नाम दर्ज मामले में शामिल नहीं किया गया है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में एक न्यायिक आयोग के गठन की मांग की थी। इस पर अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं लिया है।
इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान पर हुए हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। बिलावल भुट्टो ने कहा कि घरेलू स्तर पर इमरान खान के बारे में कोई कुछ भी सोचता हो, लेकिन यह एक पूर्व प्रधानमंत्री पर हमला है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी ही चाहिए।