नई दिल्ली, 06 नवंबर (हि.स.)। आगामी 8 नवम्बर (17 कार्तिक, शक संवत 1944) को पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। चंद्रोदय के समय ग्रहण भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा। हालांकि ग्रहण की आंशिक एवं पूर्णावस्था का आरम्भ भारत के किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह घटना भारत में चंद्रोदय के पहले ही प्रारम्भ हो चुकी होगी। भारत में मंगलवार शाम को दिखेगा।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार ग्रहण की पूर्णावस्था एवं आंशिक अवस्था दोनों ही का अंत देश के पूर्वी हिस्सों से दिखाई देगा। देश के बाकी हिस्सों से आंशिक अवस्था का केवल अंत ही दिखाई देगा। ग्रहण दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा।
ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2.39 बजे पर प्रारम्भ होगा जिसकी पूर्णाव 3.46 बजे पर प्रारम्भ होगी। ग्रहण की पूर्णावस्था का अंत शाम 5.12 बजे पर होगा तथा आंशिक अवस्था का अंत 6.19 बजे पर होगा।
देश के पूर्वी भाग में स्थित शहरों यथा कोलकाता एवं गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय ग्रहण की पूर्णावस्था चल रही होगी। कोलकाता में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 20 मिनट की होगी तथा चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 27 मिनट की होगी। गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 38 मिनट की होगी जबकि वहाँ चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 45 मिनट की होगी।
अन्य शहरों दिल्ली, मुम्बई, चेन्नै एवं बंगलुरू में पूर्णावस्था के अंत के उपरांत चंद्रोदय होगा एवं उस समय आंशिक ग्रहण चल रहा होगा तथा उपर्युक्त शहरों में चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि क्रमश: 50 मिनट, 18 मिनट, 40 मिनट एवं 29 मिनट तक की होगी।
भारत में दिखाई देना वाला अगला चंद्र ग्रहण आंशिक होगा और यह अगले साल 28 अक्टूबर को घटित होगा। भारत में पिछला चंद्र ग्रहण 19 नवम्बर 2021 को घटित हुआ था जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण था।
चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन पृथ्वी के सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आने पर घटित होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब चंद्रमा पूर्णतया पृथ्वी की छाया से ढक जाता है।