नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार जापान की यात्रा पर, अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू देखेंगे

– क्वाड देशों के बीच मालाबार अभ्यास के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे सीएनएस

– मालाबार अभ्यास और आईएफआर के लिए पहले ही जापान पहुंचे भारत के दो युद्धपोत

नई दिल्ली, 05 नवंबर (हि.स.)। नौसेनाध्यक्ष (सीएनएस) एडमिरल आर हरि कुमार शनिवार को पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जापान रवाना हुए। वह 06 नवंबर को योकोसुका में जापानी नौसेना का अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) देखेंगे। आईएफआर में शामिल होने के लिए भारत के दो युद्धपोत पहले ही जापान पहुंच चुके हैं। वह क्वाड देशों के मालाबार अभ्यास के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे। साथ ही पश्चिमी प्रशांत नौसेना संगोष्ठी (डब्ल्यूपीएनएस) में पर्यवेक्षक के रूप में हिस्सा लेंगे।

जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 06 नवंबर को योकोसुका में अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) आयोजित कर रहा है। जापान के प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा अंतरराष्ट्रीय बेड़े की समीक्षा करेंगे, जिसमें 13 देशों के 40 जहाजों और पनडुब्बियों की भागीदारी होगी। आईएफआर में अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत आईएनएस शिवालिक और कमोर्टा पहले ही जापान पहुंच चुके हैं। आईएफआर और मालाबार एक्सरसाइज में शिरकत के लिए अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के युद्धपोत भी जापान पहुंचने शुरू हो गए हैं।

नौसेना प्रमुख यात्रा के दौरान 07-08 नवंबर को योकोहामा में 18वीं पश्चिमी प्रशांत नौसेना संगोष्ठी (डब्ल्यूपीएनएस) में पर्यवेक्षक के रूप में हिस्सा लेंगे, जिसकी मेजबानी डब्ल्यूपीएनएस के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में जापान कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू और नौसेना संगोष्ठी में भारत और भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करने के अलावा एडमिरल हरि कुमार क्वाड देशों के साथ योकोसुका में होने वाले मालाबार अभ्यास के उद्घाटन समारोह में भी उपस्थित रहेंगे। चार देशों के इस समुद्री अभ्यास को हिंद-प्रशांत में चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच के रूप में देखा जा रहा है।

क्वाड समूह के सदस्यों भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की नौसेनाओं के साथ होने वाले मालाबार अभ्यास के 26वें संस्करण की मेजबानी भी इस साल जापान कर रहा है। चीन को परेशान करने वाले यह सालाना नौसैन्य अभ्यास 8 से 18 नवंबर के बीच योकोसुका में होगा। इसमें भारत के दो युद्धपोत आईएनएस शिवालिक और कमोर्टा हिस्सा लेकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। भारत के पी-8आई टोही विमान भी मालाबार युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे। पूर्वी बेड़े के कमांडर रियर एडमिरल संजय भल्ला यूएस सेवेंथ फ्लीट और कमांडर एस्कॉर्ट फोर्स 3 के साथ परिचालन चर्चा करेंगे।

समुद्री नौसैन्य अभ्यास की मालाबार की शुरुआत वर्ष 1992 में भारत और अमेरिकी नौसेना के बीच हुई थी। 2015 में जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल भी मालाबार अभ्यास में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हो गया। इसके बाद 2020 के अभ्यास संस्करण में रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने भी इसमें हिस्सा लिया। अब क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्यूयूएडी-क्वाड) में भारत-प्रशांत क्षेत्र की चार प्रमुख नौसेनाएं भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हैं। इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में होने वाली मालाबार एक्सरसाइज एक साल जापान में होती है तो एक साल भारत में और एक साल प्रशांत महासागर में किसी अमेरिकी नौसैनिक बेस के करीब।

इन बहुराष्ट्रीय आयोजनों में भारतीय नौसेना के स्वदेशी जहाजों की उपस्थिति अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय शिपयार्ड की जहाज निर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक अवसर होगा। एडमिरल आर हरि कुमार आईएफआर, डब्ल्यूपीएनएस और मालाबार में भाग लेने वाले लगभग 30 देशों के अपने समकक्षों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे। सीएनएस की यह जापान यात्रा दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के साथ-साथ बहुपक्षीय गतिविधियों में भारत के सक्रिय समर्थन और भागीदारी का प्रतीक है।

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