नई दिल्ली, 02 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रति वैश्विक नजरिये का उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के इस समय में, पूरी दुनिया को विश्वास है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बुनियादी सिद्धांत मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के आर्थिक विशेषज्ञ और विश्लेषक भारत को एक उज्ज्वल स्थान मानते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘इन्वेस्ट कर्नाटक 2022 ’ ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कहा कि कर्नाटक परंपरा और प्रौद्योगिकी, प्रकृति और संस्कृति, अद्भुत वास्तुकला और जीवंत स्टार्टअप का जीवंत उदाहरण है। मोदी ने कहा, “जब भी प्रतिभा या प्रौद्योगिकी की बात आती है, तो ‘ब्रांड बेंगलुरु’ सबसे पहले दिमाग में आता है। यह नाम न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अच्छी तरह से स्थापित हो चुका है।”
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में निवेशकों की बैठक के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद का एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण और उत्पादन मुख्य रूप से राज्य सरकार की नीतियों और नियंत्रण पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा, “इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के माध्यम से, राज्य विशिष्ट क्षेत्रों को लक्षित कर सकते हैं और अन्य देशों के साथ साझेदारी कर सकते हैं।” उन्होंने खुशी व्यक्त की कि इस बैठक में हजारों करोड़ की भागीदारी की योजना है, जिसके परिणामस्वरूप देश के युवाओं के लिए रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में भारत आज जिस ऊंचाई पर है वहां से अब उसे निरंतर आगे ही जाना है। पिछले वर्ष भारत ने करीब 84 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल किया था। भारत के प्रति वैश्विक आशावाद की भावना का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा, “ये अनिश्चित समय हैं, फिर भी अधिकांश राष्ट्र भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों के बारे में आश्वस्त हैं। विखंडन के इस दौर में भारत दुनिया के साथ आगे बढ़ रहा है और दुनिया के साथ काम करने पर जोर दे रहा है।” उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को बाधित आपूर्ति श्रृंखला की अवधि में दवाओं और टीकों की आपूर्ति के बारे में आश्वस्त कर सकता है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वैश्विक संकट के समय में भी, विशेषज्ञों, विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों ने भारत को एक उज्ज्वल स्थान के रूप में प्रतिष्ठित किया है। मोदी ने कहा, “हम हर गुजरते दिन के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अपने बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं।” उन्होंने 9-10 साल पहले के दृष्टिकोण में बदलाव के बारे में बताया जब देश नीति और कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों से जूझ रहा था। उन्होंने कहा कहा कि निवेशकों को लालफीताशाही में फंसाने के बजाय, हमने निवेश के लिए रेड कार्पेट का माहौल बनाया, और नए जटिल कानून बनाने के बजाय, हमने उन्हें युक्तिसंगत बनाया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “नए भारत का निर्माण केवल साहसिक सुधारों, बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे और सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा के साथ ही संभव है। आज सरकार के हर क्षेत्र में साहसिक सुधार किए जा रहे हैं।” उन्होंने जीएसटी, आईबीसी, बैंकिंग सुधार, यूपीआई, 1500 पुराने कानूनों को खत्म करने और 40 हजार अनावश्यक अनुपालन का जिक्र किया। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी कानून के कई प्रावधानों को अपराध से मुक्त करने, फेसलेस मूल्यांकन, एफडीआई के नए रास्ते, ड्रोन नियमों का उदारीकरण, भू-स्थानिक और अंतरिक्ष क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र जैसे कदम अभूतपूर्व ऊर्जा ला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में परिचालन हवाईअड्डों की संख्या दोगुनी हो गई है और 20 से अधिक शहरों में मेट्रो का विस्तार हुआ है।
पीएम-गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य एकीकृत बुनियादी ढांचे का विकास करना है। उन्होंने बताया कि न केवल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बल्कि मौजूदा बुनियादी ढांचे के लिए भी एक रोड मैप तैयार किया जाता है जबकि योजना को लागू करने में सबसे कुशल मार्ग पर चर्चा की जाती है। मोदी ने अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी और उत्पाद या सेवा को विश्वस्तरीय बनाकर बेहतर बनाने के तरीकों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने इस यात्रा में युवाओं द्वारा की गई प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत में हर क्षेत्र युवा शक्ति की ऊर्जा से प्रेरित हो रहा है।
राज्य और केंद्र दोनों में एक ही भाजपा की सरकार को लेकर मोदी ने कहा कि कर्नाटक के पास डबल इंजन की शक्ति है। इससे राज्य में कई क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है। उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्नाटक ने व्यापार करने में आसानी में शीर्ष रैंक के बीच अपना स्थान बनाए रखा है और इसे एफडीआई के मामले में शीर्ष राज्यों की सूची में शामिल करने का श्रेय दिया है। उन्होंने रेखांकित किया, “फॉर्च्यून 500 कंपनियों में से 400 यहां (कर्नाटक में) हैं और भारत के 100 से अधिक यूनिकॉर्न में से 40 से अधिक कर्नाटक में हैं।” प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि कर्नाटक को आज दुनिया में सबसे बड़े प्रौद्योगिकी क्लस्टर के रूप में गिना जा रहा है जो उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, फिनटेक, बायोटेक, स्टार्टअप के साथ-साथ स्थायी ऊर्जा का घर है। उन्होंने आगे कहा, “हर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी लिखी जा रही है।” उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक के कई विकास मानदंड न केवल भारत के अन्य राज्यों को बल्कि कुछ देशों को भी चुनौती दे रहे हैं। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत विनिर्माण क्षेत्र के एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय सेमीकंडक्टर मिशन का उल्लेख किया और कहा कि यहां का तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र चिप डिजाइन और निर्माण को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।