नई दिल्ली, 01 नवम्बर (हि.स.)। रॉयल भूटान आर्मी के चीफ ऑपरेशन ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग मंगलवार को भारत की यात्रा पर दिल्ली पहुंचे। उन्होंने भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू से मुलाक़ात करके दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। सैन्य अधिकारियों के बीच हुई वार्ता भारत-भूटान रक्षा सहयोग पर केंद्रित रही और दोनों कमांडरों ने उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों की समीक्षा की।
भारत यात्रा पर पहुंचे भूटानी कमांडर ने शहीद जवानों के सम्मान में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) में माल्यार्पण किया। उन्हें साउथ ब्लॉक के लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। लेफ्टिनेंट जनरल शेरिंग की दिल्ली यात्रा तब हो रही है, जब पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीनी गतिविधियों के बीच भारत के थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे इसी साल जुलाई में दो दिवसीय भूटान यात्रा पर वहां गए थे, जहां उन्होंने शीर्ष नागरिक और सैन्य नेताओं के साथ बातचीत की थी।
चीन डोकलाम पठार में भूटानी क्षेत्र के आसपास बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहा है। डोकलाम पठार भारत के सामरिक हित के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। इसलिए सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग के साथ द्विपक्षीय सैन्य संबंधों का विस्तार करने के तरीकों पर व्यापक बातचीत की। सेना प्रमुख जनरल पांडे ने लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
भारतीय सेना के वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के साथ बातचीत में लेफ्टिनेंट जनरल शेरिंग ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। अधिकारियों ने कहा कि यह वार्ता भारत-भूटान रक्षा सहयोग पर केंद्रित रही और दोनों कमांडरों ने उभरते क्षेत्रीय सुरक्षा खतरों की समीक्षा की।
भारत और भूटान की सेनाओं के बीच पुराने रिश्ते हैं। भूटान चौतरफा थलीय सीमा से जुड़ा है और कोई भी जलीय सीमा नहीं है। इसलिए वहां नौसेना नहीं है। भूटान के पास वायुसेना भी नहीं है, इसलिए भूटानी सेना भारत के पूर्वी एयर कमांड पर निर्भर है। भूटान की सेना का नाम रॉयल भूटान आर्मी है, जिसकी स्थापना 64 साल पहले 1958 में की गई थी। इसका मुख्यालय भूटान की राजधानी थिंपू के लुंगतेनफू में है।
भारत के उत्तर-पूर्वी दिशा में मौजूद 38,394 वर्ग किलोमीटर में फैला पड़ोसी देश भूटान भारत के केरल राज्य से थोड़ा ही छोटा है। भारतीय सेना ने भूटानी सेना की ट्रेनिंग के लिए इंडियन मिलिट्री ट्रेनिंग टीम बनायी है। इसके अलावा पुणे स्थित एनडीए और देहरादून स्थित आईएमए में भी भूटानी सेना के जवानों को ट्रेनिंग दी जाती है।