नई दिल्ली/गुवाहाटी, 01 नवंबर (हि.स.)। स्वामी विवेकानंद की विचारधारा पश्चिमी देशों में व्यापक रूप से जानी जाती है। स्वामी विवेकानंद के सिद्धांतों की चर्चा भारत से भी ज्यादा विदेशों में हुई है। यह टिप्पणी स्वामी विवेकानंद और निकोला टेस्ला इंटरनेशनल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष मानस डेका ने की।
हिन्दुस्थान समाचार से बात करते हुए डेका ने कहा कि हाल ही में यूरोप में भारत की “आजादी का अमृत महोत्सव” के हिस्से के रूप में क्रोएशिया के जागरेव में भारतीय दूतावास द्वारा ‘भारत और पश्चिम का ज्ञान और विज्ञान: टेस्ला के जीवन की अवधारणा में वैदिक सिद्धांत’ पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया था।
उन्होंने बताया कि गत 25 अक्टूबर को भारत में जहां दीपावली का पर्व मनाया जा रहा था, उसी समय क्रोएशिया में आयोजित सम्मेलन स्वामी विवेकानंद और महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला के जीवन पर केंद्रित था। इस कार्यक्रम में कई विद्वानों ने भाग लिया, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद और महान वैज्ञानिक निकोला टेस्ला के जीवन व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश कैसे विश्व नेता बनने जा रहा है, उसपर चर्चा की।
स्वामी विवेकानंद और निकोला टेस्ला इंटरनेशनल फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष मानस डेका ने कहा कि सम्मेलन में क्रोएशिया के भारतीय राजदूत राजकुमार श्रीवास्तव, निकोला टेस्ला-जीनियस फॉर द फ्यूचर एसोसिएशन की अध्यक्ष ड्रिगिका मिहाज़लोविच और मेन्डफुलनेस इंस्ले ने भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल एक आभासी समारोह में स्वामी विवेकानंद की आध्यात्मिकता और निकोला टेस्ला की वैज्ञानिकता के बारे में बात की थी।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने पश्चिम में वेदों और वेदांत के प्रसार में स्वामी विवेकानंद द्वारा निभाई गई भूमिका और 1893 में शिकागो में आयोजित स्वामी विवेकानंद और निकोला टेस्ला के बीच विभिन्न आध्यात्मिक चर्चाओं के महत्व पर प्रकाश डाला था। मानस डेका के अनुसार, आभासी संबोधन में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा किए गए आह्वान के मद्देनजर स्वामी विवेकानंद और निकोला टेस्ला इंटरनेशनल फाउंडेशन का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद और निकोला टेस्ला इंटरनेशनल फाउंडेशन मेमोरियल के अंतरराष्ट्रीय संस्करण का शुभारंभ किया गया।
स्वामी विवेकानंद और निकोला टेस्ला इंटरनेशनल फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष मानस डेका ने संगठन के कामकाज पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संगठन स्वामी विवेकानंद और निकोला टेस्ला के काम को दुनिया भर में विस्तार देने में व्यस्त है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार, स्कूलों की स्थापना, कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के क्षेत्र में जनता के बीच जागरूकता, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर आगे के शोध, बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावित लोगों की मदद के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों को लागू करना, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वनरोपण के साथ-साथ वैदिक विज्ञान-व्यवहार कार्यशालाओं के लिए उपाय करना, संगोष्ठी, नवाचार और अनुसंधान कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देने में तत्पर है।