सेनाओं ने मोरबी में तेज किया रेस्क्यू ऑपरेशन, शव खोजने को लगाए गए ड्रोन

नई दिल्ली, 01 नवम्बर (हि.स.)। गुजरात के मोरबी में भारतीय सेना की टीमों ने दुर्घटना में बचे लोगों की खोज और बचाव के लिए अभियान तेज कर दिया है। तीनों सेनाओं ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए अपनी-अपनी टीमें तैनात की हैं। गोताखोरों, उपकरणों, नावों और अन्य सामग्रियों से युक्त भारतीय तटरक्षक की तीन टीमों को कल रात से ही मोरबी में तैनात किया गया है। मोरबी में खोज और बचाव अभियान में मदद के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

गुजरात के मोरबी में केबल ब्रिज हादसे में घटना स्थल पर बचाव कार्यों में सेना के लगभग 300 जवान तैनात हैं। इंजीनियर स्टोर से लैस सेना की टुकड़ियां बचाव अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईएन, तटरक्षक बल की सहायता कर रही हैं। सेना की टीमें भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में नागरिक प्रशासन और पुलिस की सहायता कर रही हैं। भारतीय तटरक्षक बल, स्थानीय प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ मौके पर तलाशी और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। घटनास्थल पर फिर से शुरू हुए बचाव अभियान में भारतीय नौसेना और एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।

सैन्य प्रवक्ता के अनुसार ध्रांगधारा, जामनगर, भुज से सेना की नौ टुकड़ियां आईं हैं, जिनमें इंजीनियर टास्क फोर्स और मेडिकल डिटेचमेंट शामिल हैं। सेना की टुकड़ियों ने सबसे पहले भीड़ नियंत्रण और दुर्घटनास्थल से सिविल अस्पताल तक मार्ग की निकासी शुरू की। सेना के जवान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य अग्निशमन सेवा की नौकाओं के साथ खोज अभियान में सहायता कर रहे हैं। सरकारी सिविल अस्पताल, कृष्णा अस्पताल और आयुष अस्पताल में जीवित बचे लोगों के इलाज में चार चिकित्सा कोर लगे हैं।

भारतीय सेना एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) के लिए नागरिक प्रशासन और अन्य सभी एजेंसियों की सहायता करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, ताकि लोगों की जान को बचाया जा सके। बचे हुए लोगों का इलाज किया जा सके और तलाशी अभियान के हिस्से के रूप में शेष शवों की खोजबीन की जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *