नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि विषम परिस्थितियों में देश हित में निर्णय लेने का उदाहरण सरदार पटेल से बढ़ कर कोई और नहीं हो सकता।
धर्मेन्द्र प्रधान दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से आह्वान किया कि सरदार पटेल की एकता मुहिम में जो काम हुआ है, दिल्ली विश्वविद्यालय उसे रिसर्च में लाए। उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा वाइस रीगल लॉज के निकट गांधी प्रतिमा के सामने आज राष्ट्रीय एकता दिवस पर यूनिटी रन का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा की गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय के 100 साल के इतिहास में पटेल पर बहुत काम हुआ होगा, लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव में उसे और प्रासंगिक रूप में रिसर्च में लाकर चर्चा में लाया जाए। उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल को स्मरण करते हुए कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि पटेल के कारण आज हमारा देश एकीकृत भारत के रूप में हमारे सामने है। प्रधान ने कहा कि 100 साल की आजादी की लड़ाई के उपरांत जब आजादी मिलने की आस जगी तो, देश में राष्ट्रीय नेतृत्व के रूप में कई तरह की विचार धारा के लोग थे। उस दौर में सरदार पटेल की भूमिका बैलेंसिंग फैक्टर की रही है।
उन्होंने कहा कि देश को केवल राजनैतिक आजादी दिलवाना ही पटेल का दायित्व नहीं था, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में पिरोया। देश की राजनैतिक और सांस्कृतिक पहचान बनाने में पटेल का योगदान बहुत बड़ा है। मंत्री ने देश की सहकारिता की भूमिका में पटेल के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा की। धर्मेन्द्र प्रधान ने वर्तमान प्रस्थितियों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज देश 21 वीं शदी में जा रहा है, इस दौर में रोजगार, नियोजन व स्वरोजगार जैसी चुनौतियां सामने हैं। उन्होंने देश के पढे-लिखे लोगों व शासन के काम में लगे लोगों से कहा कि उनका दायित्व बनता है कि समाज के लिए सम्मानजनक जीवन जीने के अवसर पैदा करें। मंत्री ने नई पीढ़ी से भी आह्वान किया कि वे पटेल से प्रेरणा लें।
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें आज राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने का सौभाग्य इस लिए मिला कि भारत सरकार ने 2014 में ये तय किया था कि पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस की रूप में मनाया जाएगा। कुलपति ने कहा कि वैसे तो भारत के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के बहुत से योगदान रहे हैं, लेकिन आज जिस एकीकृत रूप में भारत दिखता है, उसमें सरदार पटेल का बहुत बड़ा योगदान है। इस अवसर पर कुलपति ने वी.पी. मेनन द्वारा सरदार पटेल पर लिखी गई दो पुस्तकों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें सबको पढ़ना चाहिए ताकि पता चल सके कि उस दौर में कैसी परिस्थितियों में यह देश एकता के सूत्र में पिरोया गया था।
इस अवसर पर सभी लोगों ने राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करने की शपथ भी ली। कार्यक्रम के पश्चात गांधी प्रतिमा के सामने से यूनिटी रन का आयोजन किया गया जो विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक से स्टेडियम तक होते हुए वापिस गांधी प्रतिमा के सामने सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम में डीन ऑफ कॉलेजज प्रो. बलराम पाणी, साउथ कैंपस के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, प्रॉक्टर रजनी अब्बी और रजिस्ट्रार विकास गुप्ता सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति एवं केन्द्रीय विद्यालय, विभिन्न सीबीएससी स्कूलों और दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेकों विद्यार्थी उपस्थित रहे।