नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक स्थिति पर पहुंच गया है। शनिवार को दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई स्तर यानि वायु प्रदूषण का स्तर 400-450 के बीच रिकॉर्ड किया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग(सीएक्यूएम) ने आपात बैठक की। बैठक में आयोग ने ग्रेडेड रिस्पोंस एक्शन प्लान 3 को लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं जिसके तहत दिल्ली में निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े कार्यों पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शनिवार से ही ‘सीएंडडी’ अपशिष्ट प्रबंधन नियमों और धूल नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के साथ ‘रेलवे सेवाओं या रेलवे स्टेशनों, मेट्रो रेल निगम सेवाओं, स्टेशनों, हवाई अड्डों और अंतर-राज्यीय बस टर्मिनलों (आईएसबीटीएस) सहित राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा रक्षा संबंधी गतिविधियों, राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं’ को छोड़कर निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया है। इसके साथ उन औद्योगिक इकाइयों को भी बंद करने के निर्देश दिए गए हैं जो पर्यावरण के मानकों को पूरा नहीं करते या फिर वायो फ्यूल का इस्तेमाल नहीं कर रहे। सड़कों की सफाई के लिए मशीनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कही गई है। सड़कों पर पानी का छिड़काव के साथ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं। क्रशर औऱ ईंटों की भट्टी जो मानकों पर खरा नहीं उतर रहे उन्हें बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। माइनिंग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आयोग के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में कम हवा की गति एवं पराली जलाने के कारण अगले एक हफ्ते हवा की गुणवत्ता बहुत खराब रहने की संभावना है। इसलिए एनसीआर के सभी राज्यों को बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल से चलने वाली छोटे वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है।