मुंबई, 28 अक्टूबर (हि.स.)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि 26/11 आतंकी हमले दोषियों को सजा दिलाने का काम अभी अधूरा है। सभी प्रकार के आतंकी हमले अस्वीकार हैं। 26/11 के मुख्य आरोपित और दोषी आज़ाद हैं और उन्हें सुरक्षा कवच मिला है। ये आतंक के खिलाफ समान लक्ष्य पर सवाल उठाता है।
मुंबई के ताज होटल में शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति की ओर से आयोजित बैठक विदेश मंत्री जयशंकर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 26/11 आतंकी हमले में मारे गए शहीदों की स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किया। 26/11 स्मारक स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित करने के बाद पीड़ितों की याद में एक मिनट का मौन भी रखा गया।
विदेश मंत्री ने कहा कि आज हम उन 166 लोगों को याद करते हैं जो 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में मारे गए थे और अनगिनत अन्य जो उस हमले में घायल हुए थे। मैं पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उनमें से 3 ब्रिटिश नागरिक थे और महामहिम की सरकार की ओर से, मैं आज उनका सम्मान करता हूं और उन्हें याद करता हूं। एक और महीने में, हम नवंबर 2008 में मुंबई पर हुए भीषण हमलों की 14वीं बरसी मनाएंगे जबकि एक आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया था, उस पर मुकदमा चलाया गया था और भारत की सर्वोच्च अदालत ने उसे दोषी ठहराया था। 26/11 हमलों के प्रमुख साजिशकर्ता और योजनाकार अभी भी बचे हैं। जब इन आतंकवादियों में से कुछ को प्रतिबंधित करने की बात आती है, तो अफसोस की बात है कि सुरक्षा परिषद कुछ मामलों में राजनीतिक कारणों से कार्रवाई करने में असमर्थ रही है। यह हमारी सामूहिक विश्वसनीयता और हमारे सामूहिक हितों को कमजोर करता है।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि राजनैतिक मतभेदों से उठकर एक साथ आतंक की लड़ाई में साथ आना होगा। उन्होंने आगे कहा- भारत में काउंटर टेररिज़्म काउन्सिल बैठक में आने के लिए आप सबका स्वागत है। आतंकवाद सभी के लिए ख़तरा है। अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए ख़तरा है और मानवता के लिए ख़तरा है। विदेश मंत्री ने जयशंकर ने कहा कि मैं पांच बिंदुओं पर ध्यान लाना चाहता हूं। आर्थिक रूप से आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। आर्थिक मदद करने वाले देश पर प्रतिबंध लगाने होंगे। आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है। आतंकी नेक्सस, ड्रग्स पर लिंकेज को तोडऩे की जरूरत है। आतंकी समूहों ने नए तकनीक का इस्तेमाल किया, नए तरीक़े निकाले हैं, इस पर हल निकाला जाना जरूरी है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति की इस बैठक में अल्बानिया, ब्राज़ील, चीन, फ्रांस, गबॉन, आयरलैंड, केन्या, मेक्सिको, नॉर्वे, रूस, यूनाइटेड अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और भारत के प्रतिनिधि शामिल हुए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समिति की अगली बैठक राजधानी दिल्ली में होगी। इस बैठक में चीन के राजनयिक भी हिस्सा ले रहे हैं। इस बैठक में समिति मुख्य रूप से तीन चुनौतियों पर विचार करेगी जिसमें पहला आतंकवादी कार्यवाहियों में इंटरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग, दूसरा धन उगाही के लिए भुगतान की नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और तीसरा ड्रोन जैसे मानवरहित हवाई उपकरण का उपयोग शामिल हैं।