कोलकाता, 27 अक्टूबर (हि.स.)। राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने एक बार फिर जमानत की अर्जी लगाई है। उनके अधिवक्ता ने गुरुवार को बैंकशाल कोर्ट स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में याचिका लगाई है जिसमें दावा किया है कि चटर्जी की सेहत काफी बिगड़ रही है और उन्हें स्वास्थ्य कारणों के आधार पर रिहा किया जाना चाहिए। पार्थ की ओर से उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में दावा किया है कि वह जांच में हर तरह से सहयोग करेंगे और जो भी शर्तें कोर्ट रखेगी, उनका पालन करेंगे।
हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी( के अधिवक्ता ने पार्थ की जमानत का विरोध किया है। ईडी का कहना है कि 150 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। पार्थ से जुड़ी और दो फर्जी कंपनियों की जानकारी मिली है। इसका मालिकाना हक उन्हीं के पास है। इसके अलावा चटर्जी के एक करीबी के नाम पर भी एक संस्था के बारे में जानकारी मिली है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि पार्थ चटर्जी की दिवंगत पत्नी बबली चटर्जी के नाम पर बबली चटर्जी मेमोरियल ट्रस्ट है जिसके अध्यक्ष खुद पार्थ चटर्जी की बेटी हैं।
इधर जेल से वर्चुअल जरिए से कोर्ट में हाजिर हुए चटर्जी ने कहा कि मामले में केंद्रीय एजेंसियों ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें कुछ भी नया नहीं है। जांच में हर तरह से सहयोग करूंगा।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना है लेकिन फैसला फिलहाल संरक्षित रखा गया है।
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फूट फूट कर रोई अर्पिता मुखर्जी
– पार्थ चटर्जी के अलावा उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी भी कोर्ट में पेश की गईं। मीडिया के कैमरों के सामने ही वह फूट-फूट कर रो पड़ीं। उन्होंने अपनी मां से बात करने की इच्छा जाहिर की है।