गुवाहाटी, 22 अक्टूबर (हि.स.)। भारत में मनाये जाने वाले सभी त्योहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृस्टि से अत्यधिक महत्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। तमसो मां ज्योतिर्गमय अर्थात मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाइए यह उपनिषदों की आज्ञा है। इससे सीख लेते हुए बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी दीपावली मनाते हैं।
कमरूप (मेट्रो) जिला के साथ-साथ कामरूप (ग्रामीण) जिला के विद्यार्थियों ने भी धूमधाम और उत्साह के साथ अपने-अपने विद्यालय में दीपावली उत्सव मनाया। इस अवसर पर कामरूप (ग्रामीण) जिला के हाजो स्थित आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने भी अपने विद्यालय परिसर में शनिवार को दीवाली उत्सव पूरे उत्साह के मनाया।
इस अवसर पर दीया, सजावट, रंगोली आदि सहित कई कार्यक्रम अयोजित किये गए। छात्र-छात्राओं ने स्कूल के परिसर में रंग खूबसूरत और आकर्षक रंगोली बनाई। बच्चों ने रंगोली बनाकर स्वच्छता का संदेश भी दिया। बाद में स्कूल के परिसर में फुलझड़ी जलाई गई।
उत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य बच्चों में छिपी रचनात्मक प्रतिभा को बाहर लाना एवं उन्हें दीपावली का महत्व समझाना था। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षयत्रियों ने भी पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।
माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा रामचंद्र अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे। श्री राम के स्वागत में अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की घनी काली अमावस्या की रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी।