वाशिंगटन, 16 अक्टूबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की बैठक में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विकसित देशों के राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों के वैश्विक प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। सीतारमण ने विभिन्न अमेरिकी विश्वविद्यालयों मैरीलैंड विश्वविद्यालय, हार्वर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिकी विश्वविद्यालय, जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय और प्रिंसटन विश्वविद्यालय के भारतीय-विदेशी विद्वानों और छात्रों के समूह के साथ भी बातचीत की।
अमेरिका की छह दिवसीय यात्रा पर गईं सीतारमण ने कहा कि उन्होंने बैठकों के दौरान विकसित देशों के राजनीतिक और आर्थिक निर्णयों के वैश्विक प्रभाव के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इस सप्ताह की शुरुआत में सीतारमण ने कहा था कि निकट भविष्य में विकसित देशों को अपने राजनीतिक और आर्थिक फैसलों के वैश्विक प्रभाव की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और महज अपने लोगों के नैतिक और लोकतांत्रिक दायित्वों को पूरा करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय सुरक्षा उपाय करने चाहिए।
सीतारमण ने शनिवार को यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूहों के साथ बातचीत में कहा कि उन्होंने अपनी द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय बैठकों के दौरान भी यह मुद्दा उठाया। उनकी यह टिप्पणियां ऐसे वक्त में आई है जब अमेरिका की अगुवाई में पश्चिम देशों ने रूस से तेल का आयात कम कर दिया है और वह अन्य देशों को भी चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उन्होंने रूस से तेल खरीदा तो उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
ईडी पूरी तरह स्वतंत्र : सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का राजनीतिक या प्रतिशोध के लिए इस्तेमाल किए जाने के आरोप खारिज करते हुए कहा है कि ईडी अपना काम करने के वास्ते पूरी तरह स्वतंत्र है। अमेरिका की अपनी यात्रा के खत्म होने पर शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में सीतारमण ने वित्त मंत्रालय की दो शाखाओं आयकर विभाग और ईडी के जरिए कॉरपोरेट क्षेत्र तथा लोगों में किसी तरह का भय पैदा करने से इनकार किया।
उन्होंने कहा कि ईडी जो करता है उसमें वह पूरी तरह स्वतंत्र है और यह ऐसी एजेंसी है जो पहले ही दर्ज हो चुके अपराधों की जांच करती है। पहला अपराध किसी अन्य एजेंसी द्वारा पहले ही दर्ज कर लिया जाता है चाहे वह केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो हो या कोई अन्य एजेंसी हो और इसके बाद ईडी का काम शुरू होता है।