सालाना गलत जानकारी देना ग्लोबल हंगर इंडेक्स की पहचान बन गई – केन्द्र सरकार

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2022 की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि अब इसकी पहचान सालाना गलत सूचना देने वाले इंडेक्स की बन गई है।

उल्लेखनीय है कि आयरलैंड और जर्मनी के गैर-सरकारी संगठनों कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ़ की ओर से जारी होने वाली ‘ग्लोबल हंगर रिपोर्ट-2022’ में भारत को 121 देशों में 107 वें स्थान पर रखा गया है। पहले भारत इसमें 101वें स्थान पर था। वहीं भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान को इस इंडेक्स में क्रमश: 64वां, 84वां, 81वां और 99वां स्थान दिया गया है। पूरे दक्षिण एशिया में भारत सिर्फ अफगानिस्तान से ऊपर है। तालिबान शासित अफ़ग़ानिस्तान 109वें स्थान पर है।

ग्लोबल हंगर रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि भारत लगातार इस इंडेक्स में गिर रहा है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान जारी इस इंडेक्स को जारी करने के तरीके पर सवाल उठाए हैं। मंत्रालय का कहना है कि यह रिपोर्ट भारत की छवि को धूमिल करने का प्रयास है। इसका देश में भूखमरी को मापने का तरीका गलत है।

मंत्रालय के मुताबिक सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते। कुपोषित (पीओयू) आबादी के अनुपात का चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक अनुमान 3000 के बहुत छोटे नमूने के आकार पर किए गए एक जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट सर्वेक्षण मॉड्यूल पर आधारित है। यह सिर्फ 3000 उत्तरदाताओं से पूछे गए 8 प्रश्नों पर आधारित एक जनमत सर्वेक्षण है। स्पष्ट हो रहा है कि यह रिपोर्ट पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। रिपोर्ट को जारी करने वाले कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फ़ ने स्पष्ट रूप से रिपोर्ट जारी करने से पहले अपना काम ठीक से नहीं किया।

मंत्रालय ने कहा कि सरकार दुनिया में सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम चला रही है। देश में कोरोना के संकट काल मार्च 2020 से सरकार लगभग 80 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम से अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न (चावल व गेहूं) का वितरण कर रही है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *