नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा में लगे धान क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित वैज्ञानिकों से संवाद कर धान की नई किस्सों के बारे में जानकारी हासिल की।
इस दौरान मंत्री ने धान की सीधी बुवाई (डीएसआर विधि) द्वारा उगाई जा रही खर-पतवार नाशी दवाओं के प्रति प्रतिरोधी किस्मों जैसे कि पूसा बासमती 1121 का सुधार कर बनाई गई पूसा बासमती 1979 और पूसा बासमती 1509 का सुधार कर बनाई गई पूसा बासमती 1985 की समीक्षा की।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने आज तीन उन्नत बासमती चावल किस्मों, पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885 और पूसा बासमती 1886 के खेतों का पूसा, दिल्ली में दौरा किया। ये ऐसी धान की प्रजातियां हैं जो जीवाणु झुलसा और झोंका रोग दोनों के लिए प्रतिरोधी हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इन किस्मों में कृषि रसायनों का छिड़काव करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे लागत में कमी के साथ-साथ रसायनों के अवशेष से मुक्त बासमती चावल पैदा होगा, जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छा मूल्य मिलेंगे। इसका सीधा फायदा किसानों को होगा।