रुपे की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए अन्य देशों से बात कर रहा भारत: सीतारमण

नई दिल्ली/वाशिंगटन, 12 अक्टूबर (हि.स)। डिजिटल पेमेंट और आर्थिक क्षेत्र में भारत की स्वीकार्यता वैश्विक पटल पर धीरे-धीरे बढ़ रही है। भारत के रुपे पेमेंट सिस्टम को सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में मान्यता मिल गई है। इन दोनों देशों में अब रुपे कार्ड के जरिए भुगतान किया जा सकेगा। अन्य देशों में भी स्वीकार्यता के लिए भारत सरकार लगातार बातचीत कर रही है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका में ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन द्वारा आयोजित एक सभा में यह बात कही।

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बयान में बताया कि इससे पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका पहुंचने पर सबसे पहले अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन के साथ मुलाकात की और वर्तमान वैश्विक परिदृश्य और आर्थिक स्थिति पर चर्चा की। अमेरिका पहुंचने पर सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मकसद रोजगार पैदा करना है, दुनिया से अलग-थलग करना या संरक्षण देना नहीं। इसके साथ ही उन्होंने भारत में सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण बढ़ाने को लेकर भी बात कही।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की सालाना बैठक में भाग लेने के लिए छह दिवसीय यात्रा पर अमेरिका में हैं। वित्तमंत्री की यह यात्रा 11 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक होगी। सीतारमण इस दौरान विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास से मुलाकात भी करेंगी। वह जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, भूटान, न्यूजीलैंड, मिस्र, जर्मनी, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान और नीदरलैंड सहित कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगी। इसके अलावा वह व्यापार जगत की दिग्गज हस्तियों और निवेशकों से भी मिलेंगी। इस दौरान सीतारमण वर्तमान वैश्विक आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा करेंगी।

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