अहमदाबाद, 7 अक्टूबर (हि.स.)। बदलती परिस्थितियों में इलेक्ट्रिक गाड़ियाें पर लोगों का भरोसा बढने से इसकी मांग हजारों से लाखों तक पहुंच चुकी है। केन्द्र सरकार भी पर्यावरण और ध्वनि प्रदूषण की दृष्टिकोण से और डीजल-पेट्रोल की खपत कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है। सेमीकंडक्टर की कमी से जहां ऑटो मार्केट में अस्थिरता आ गई थी। अब चिप की उपलब्धता बढ़ने लगी है। इससे मार्केट में एकाएक इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग में इजाफा हाे रहा है।
देशभर में पन्द्रह हजार से अधिक ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रतिनिधित्व कर रहे फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) का मानना है कि अनिश्चित मानसून, मुद्रास्फीति का दबाव, चीन-ताइवान की तनातनी के चलते चुनौतियों से भरा समय है, लेकिन अब ऑटो सेक्टर को यह त्योहारी सीजन अच्छी निकलने के आसार है और ऑटोमोबाइल बिक्री में इजाफा होने लगा है। स्थानीय ऑटो इंडस्ट्रीज प्रबंधकों का कहना है कि सेमीकंडक्टर की उपलब्धता होने से वाहनों के निर्माण एवं उसकी सप्लाई में सुधार होगा, लेकिन मुद्रास्फीति और ब्याज दर उनके प्रोडक्शन को प्रभावित करेगा। इस संबंध में ऑटोमोबाइल डीलर निकाय अध्यक्ष मुकेश गुलाटी मानते हैं कि इन चार-पांच महीनों में औसतन तीन से चार लाख अधिक वाहनों का उत्पादन बढ़ेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर लोगों का भरोसा बढ़ने पर इसकी मांग बढ़ने लगी है।
बताया गया कि सेमीकंडक्टर की उपलब्धता बढ़ने के साथ मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और किआ जैसी प्रमुख वाहन कंपनियों के वाहनों की बिक्री में एकाएक तेजी बढ़ी। हुंडई ,टोयोटा और स्कोडा जैसी वाहन कंपनियों की बिक्री भी अगस्त के पश्चात से ही अच्छी हो रही है।
ऑटोमोबाइल बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता अब बढ़ने लगी है। पर्यावरण, ध्वनि प्रदूषण की बंदिशों के साथ पेट्रोल व डीजल की कीमतों में वृद्धि के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में संख्या में इजाफा हुआ है। केन्द्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है। केन्द्र सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर, चार्जिंग स्टेशनों पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है।