Uttarakhand :उत्तराखण्ड में भारी बारिश से भूस्खलन का बढ़ा खतरा, तीन दिन यात्रा करने से बचे पर्यटक

05HNAT52 उत्तराखण्ड में भारी बारिश से भूस्खलन का बढ़ा खतरा, तीन दिन यात्रा करने से बचे पर्यटक

-पूरे यूपी में भी होगी तेज बारिश, दिल्ली और हरियाणा के सटे जिलों भी होंगे प्रभावित

कानपुर, 05 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के साथ हिमांचल में बने निम्न दबाव के क्षेत्र से एक बार फिर इन प्रदेशों में मानसून सक्रिय हो गया है। इन प्रदेशों में तेज बारिश होने की पूरी संभावना है। खासकर उत्तराखण्ड में भारी बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में मौसम विभाग का कहना है कि उत्तराखंड के मध्य और पूर्वी जिलों में भारी बारिश हो सकती है जिससे भूस्खलन हो सकता है। लोगों को कम से कम अगले दो से तीन दिनों तक केदारनाथ धाम, बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड और उत्तराखंड के अन्य पहाड़ी स्थलों की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है। खराब मौसम पर्यटकों के साथ-साथ तीर्थयात्रियों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ एस एन सुनील पाण्डेय ने बुधवार को बताया कि मानसून के पहले तीन महीनों के दौरान उत्तर प्रदेश लगभग शुष्क रहा और सितंबर में उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश शुरू हुई। तीसरे और चौथे सप्ताह के दौरान अच्छी बारिश ने पहले की कमी को काफी हद तक कम कर दिया। हालांकि अभी सब खत्म नहीं हुआ है और उत्तर प्रदेश में आठ अक्टूबर तक बारिश जारी रहेगी। प्रदेश व आसपास के क्षेत्रों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और एक ट्रफ रेखा कम दबाव के क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण से लेकर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है। बहराइच में पिछले 24 घंटों के दौरान पहले ही 113 मिमी बारिश दर्ज की गई है। पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मध्यम बारिश हुई है।

बताया कि कानपुर मण्डल सहित पूरे उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियां तेज हो जाएंगी। हालांकि, दिल्ली और हरियाणा से सटे इलाकों में हल्की बारिश ही होगी। बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, प्रतापगढ़, फैजाबाद, गोरखपुर, गोंडा, बस्ती में भारी बारिश होगी। उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियां भी तेज होंगी। नौ अक्टूबर से उत्तराखंड और पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में गतिविधियां कम होना शुरू हो जाएंगी। हालांकि इसके बाद भी हल्की बारिश जारी रह सकती है।

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