01HNAT33 इंदौर के जन-भागीदारी मॉडल को पूरे देश में अपनाने का हो प्रयास- राष्ट्रपति
नई दिल्ली, 01 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि ‘स्वच्छ सर्वेक्षण (2022)’ के तहत इंदौर शहर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार छठी बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उनका सुझाव है कि इंदौर शहर के निवासियों की ओर से अपनाए गए जन-भागीदारी के मॉडल को पूरे देश में अपनाने के प्रयास होने चाहिए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार-2022 प्रदान किए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पुरस्कार विजेता शहरों के निवासियों, सफाई कर्मियों और स्थानीय प्रशासन को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि बीसवीं सदी के आरम्भ में ही बापू ने स्वच्छता के लिए देशवासियों का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि जब तक हम अपने शहरों की हालत नहीं बदलते, अपनी बुरी आदतों को नहीं छोड़ते, अपने शौचालयों को नहीं सुधारते, तब तक हमारे लिए स्वराज्य का मूल्य कुछ भी नहीं है।
राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण राज्यों और शहरों के बीच स्वच्छता के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के सर्वेक्षण में 4 हजार से अधिक शहरों में लगभग नौ करोड़ लोगों ने भाग लिया है। उन्होंने व्यापक स्तर पर नागरिकों के बीच स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ की सफलता के पीछे पिछले आठ वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारों और सभी नागरिकों के निरंतर प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि इस सफलता को हासिल करने में हमारे सफाई मित्रों ने सबसे अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कोविड महामारी के दौरान भी स्वच्छता बनाए रखने के लिए लगातार काम किया।
उन्होंने कहा, “हमारे सफाई-मित्र भाई-बहनों के जीवन को गरिमामय और सम्मानपूर्ण बनाने की जिम्मेदारी न सिर्फ प्रशासन बल्कि सभी नागरिकों की भी है।”
राष्ट्रपति ने कहा कि 2026 तक सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के उद्देश्य से पिछले साल 01अक्टूबर को ‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0’ शुरू किया गया था। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि 02 अक्टूबर से एक अभियान चलाया जा रहा है। बेहतर कचरा प्रबंधन के लिए सभी नागरिकों को घर पर गीले और सूखे कचरे को अलग करने के बारे में जागरूक करने के लिए शहरों में लॉन्च किया गया।
उन्होंने कहा कि हमारे गली, गांव, मुहल्ले तथा शहर स्वच्छ रहें, इसकी जिम्मेदारी प्रशासन के साथ-साथ सभी नागरिकों की भी है। “मैं सभी देशवासियों, विशेषकर युवाओं से आग्रह करती हूं कि, ‘कचरा-मुक्त शहर’ अभियान की सफलता हेतु, बढ़-चढ़कर सहयोग करें तथा समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाएं।”
भारत का स्वच्छता सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा – हरदीप पुरी
इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार की पहल के रूप में 08 साल पहले शुरू हुआ स्वच्छता अभियान (स्वच्छ भारत मिशन) आज एक जन आंदोलन है। भारत में होने वाला सर्वेक्षण आज दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है। वर्ष 2016 में इसे 73 शहरों में एक पायलट परियोजना के रूप में शुरू किया गया था और अब 2022 में 4,355 से अधिक शहरों ने इसमें भाग लिया है।
स्वच्छता रैकिंग में बड़े राज्यों में मध्यप्रदेश शीर्ष पर
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शनिवार को स्वच्छता रैंकिंग से जुड़े आंकड़े जारी किए गए। इस दौरान लगातार इंदौर छठी बार पहले स्थान पर रहा। इसके बाद सूरत पिछले 03 वर्षों से लगातार दूसरे स्थान पर रहा। नवी मुंबई तीसरे स्थान पर और एनडीएमसी क्षेत्र शक्कर नौवें स्थान पर पहुंच गया। स्वच्छता रैंकिंग में बड़े राज्यों में मध्यप्रदेश पहले, छत्तीसगढ़ दूसरे और महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर स्थान पर रहा है।