नई दिल्ली/मुंबई, 27 सितंबर (हि.स)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक 28 सितंबर से शरू हो रही है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली इस समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा तय माना जा रहा है।
खुदरा महंगाई दर बढ़ने, फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद इस बार भी आरबीआई नीतिगत दर में इजाफा कर सकता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी की समीक्षा बैठक के नतीजे का ऐलान 30 सितंबर को करेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।
दरअसल, इसकी वजह अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में 0.75 फीसदी और बैंक ऑफ इंग्लैंड की प्रमुख ब्याज दर में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ अगस्त में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7 फीसदी के स्तर पर आना बताया जा रहा है। इससे पहले एसबीआई रिसर्च ने भी अपने अनुमान में कहा था कि पिछली दो बार की तरह महंगाई से निजात पाने के लिए आरबीआई इस बार भी नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी करेगा।
उल्लेखनीय है कि मौद्रिक नीति में सख्ती के वैश्विक ट्रेंड के मद्देनजर आरबीआई ने अब तक रेपो रेट में तीन बार 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है, जो बढ़कर 5.40 फीसदी के स्तर पर है। दुनिया के कई केंद्रीय बैंकों ने महंगाई पर काबू पाने के लिए नीतिगत दरों में इजाफा किया है।