Champat Rai:पराधीनता की याद दिलाने वाले प्रतीकों से देश को मुक्ति चाहिए: चम्पत राय

26HNAT37 पराधीनता की याद दिलाने वाले प्रतीकों से देश को मुक्ति चाहिए: चम्पत राय

अब अशोक सिंहल चौराहे के नाम से जाना जायेगा बर्लिंगटन चौराहा

अशोक सिंहल के नाम से समाज को निःस्वार्थ, त्याग व पुरुषार्थ की प्रेरणा मिलेगी

लखनऊ, 26 सितम्बर (हि.स.)। विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय ने सोमवार को कहा कि पराधीनता की याद दिलाने वाली सारी बातों और प्रतीकों से देश को मुक्ति चाहिए। अगर कोई भी राष्ट्र व राज्य सत्ता अपने को सर्वप्रभुता संपन्न मानती है तो गुलामी के सारे प्रतीकों को हटाना चाहिए।

चम्पत राय यहां बर्लिंगटन चौराहे के लोकार्पण के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बर्लिंगटन के स्थान पर ऐसे भारतीय सपूत का नाम आया है, जिनके जीवन से समाज को निःस्वार्थ, त्याग व पुरुषार्थ की प्रेरणा मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में स्वतंत्रता आनी चाहिए। यह परम्परा देश के अन्य भागों में भी चल रही है। आजादी के बाद कई पार्कों व चौराहों का नाम बदला गया है। कभी देश में मुगल गार्डेन हुआ करता था। कभी कलकत्ता था, जिसे कोलकाता किया गया। इसी तरह मद्रास को चेन्नई किया गया।

राम मंदिर का निर्माण द्रुतगति से चल रहा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण द्रुतगति से चल रहा है। मंदिर निर्माण से संबंधित कोई भी निर्णय एक हजार साल की आयु को ध्यान में रखते हुए लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत का यह पहला विराट मंदिर होगा।

चम्पत राय ने कहा कि अशोक सिंहल को कोई पद प्राप्ति की कामना थी ही नहीं। निःस्पृह कष्ट सहकर देश की भलाई के लिए काम कैसे किया जाता है, इसके लिए अशोक सिंहल की पूरी जीवनी पढ़नी होगी। अशोक सिंहल का लखनऊ से विशेष लगाव रहा है। 1950 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद लम्बे समय तक वह लखनऊ में रहे। अयोध्या का आन्दोलन जब शुरू हुआ तो दिल्ली से अयोध्या आते जाते वह लखनऊ में रुकते थे।

विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश कुमार ने कहा कि अंग्रेजों की पराधीनता का प्रतीक बर्लिंगटन के स्थान पर अशोक सिंहल के नाम से चौराहे का नामकरण किया गया। यह समाज को एक अच्छा संदेश देने का काम हुआ है। लखनऊ का नाम लखनपुर करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि लखनऊ का नाम लखनपुर ही था। अब दोबारा लखनपुर नाम करके समाज को एक अच्छा संदेश दिया जा सकता है।

लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि दासता के प्रतीक बर्लिंगटन चौराहे का नाम बदलने की मांग काफी समय से सामाजिक संगठन कर रहे थे। बर्लिंगटन के स्थान पर अशोक सिंहल के नाम से चौराहे का नामकरण होने से जनमानस को सुखद अनुभूति हो रही है।

इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी, विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह, प्रान्त संगठन मंत्री राजेश सिंह, पूर्व मंत्री आशुतोष टण्डन, प्रशान्त भाटिया, बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी, विभाग प्रचारक अनिल, भाग कार्यवाह धीरेन्द्र पाण्डेय, जिला प्रचारक वैभव और महिला मोर्चा की रेशू भाटिया प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं।

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