नई दिल्ली, 24 सितंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि सरकार का “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” का दृष्टिकोण गांधीवादी विचार से प्रेरित है। इस बात पर जोर देते हुए कि गांधीवादी आदर्श संविधान के मौलिक अधिकारों और निर्देशक सिद्धांतों में व्याप्त हैं, उन्होंने कहा कि बापू की शिक्षाएं मानवता के लिए हमेशा प्रासंगिक रहेंगी।
जगदीप धनखड़ आज नई दिल्ली में हरिजन सेवक संघ के 90वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सद्भावना सम्मेलन में सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे को पुष्पांजलि अर्पित की।
महात्मा गांधी के हरिजन सेवक संघ के गठन के पीछे की प्रेरणा को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारा स्वतंत्रता संग्राम न केवल एक राजनीतिक आंदोलन था बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक पुनरुत्थान था। उन्होंने कहा, “यह सामाजिक एकता और राजनीतिक स्वतंत्रता का आह्वान था।”
गांधीजी के योगदान का उल्लेख करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा ने भारतीय संस्कृति के सर्वोत्तम तत्वों – सत्य और अहिंसा – को धरातल पर लागू करने का प्रयास किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों से मानवता को बहुत लाभ होगा। आज दुनिया के सामने गरीबी, जलवायु परिवर्तन से लेकर युद्ध तक के कई खतरे हैं और गांधी के विचार इन सभी का समाधान प्रदान करते हैं।
यह देखते हुए कि गांधी के स्वराज के विचार का अर्थ कतार में अंतिम व्यक्ति का उत्थान है, उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की खाद्य सुरक्षा, टीकाकरण, सार्वभौमिक बैंकिंग की सभी योजनाएं गांधीवादी भावना में हैं।
धनखड़ ने कहा, “यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि हाल के वर्षों में एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का उदय हुआ है जो गांधीवादी दर्शन के साथ आम सहमति से सभी की क्षमता और प्रतिभा का पूर्ण दोहन सुनिश्चित कर रहा है।”
उपराष्ट्रपति ने संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। संविधान सभा में उनके अंतिम भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि “राजनीतिक लोकतंत्र तब तक नहीं टिक सकता जब तक कि इसके आधार पर सामाजिक लोकतंत्र न हो।”
उपराष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के आदर्शों पर खरा उतरने के लिए हरिजन सेवक संघ की सराहना की और भविष्य के प्रयासों के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष प्रो. डॉ. शंकर कुमार सान्याल, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती, पूर्व सांसद एवं हरिजन सेवक संघ के उपाध्यक्ष नरेश यादव तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।