मुंबई, 24 सितंबर (हि.स.)। महान भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने शनिवार को कहा कि पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने अपने आईसीसी टी-20 विश्व कप 2007 अभियान के दौरान अपने खिलाड़ियों को पूरी स्वतंत्रता दी थी। बता दें कि 15 साल पहले आज ही के दिन 24 सितंबर 2007 को भारत ने धोनी के नेतृत्व में टी-20 विश्व कप के पहले संस्करण का खिताब जीता था।
टीम इंडिया की आईसीसी टी20 विश्व कप 2007 की जीत की पंद्रहवीं वर्षगांठ पर, टीम इंडिया के सदस्यों ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्लास ऑफ़ 2007: द रीयूनियन ऑफ़ ’07 चैंपियंस’ पर एमएस धोनी के कप्तानी के दिनों को याद किया।
हरभजन ने कहा, “हमें यह महसूस नहीं हुआ कि एमएस धोनी ट्रॉफी उठाने तक हमारे कप्तान थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि हर कोई अपने सुझाव दे रहा था कि एक खेल में एक निश्चित चरण के दौरान क्या किया जाना चाहिए। वह इसके लिए बहुत खुले थे।”
हरभजन ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मैच के विजेता का फैसला करने के लिए बॉल-आउट नियम के दौरान धोनी की रणनीति को याद किया। इस मुकाबले में दोनों टीमें 141 रनों पर आउट हुईं थी, जिसके बाद बॉल-आउट का सहारा लिया गया था।
उन्होंने कहा, “बॉल-आउट में शामिल खिलाड़ियों का रन-अप तीन से चार कदमों का था। ऐसा इसलिए था क्योंकि गेंदबाज बहुत दूर से दौड़ने के बाद अपना संतुलन खो सकते थे।”
विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने भी एमएस धोनी के बेहतरीन पलों को याद किया।
कार्तिक ने कहा, “वह उस समय कप्तान बनने की राह पर था। वह 2007 के एकदिवसीय विश्व कप और इंग्लैंड और कई अन्य स्थानों के खिलाफ श्रृंखला के दौरान उप कप्तान थे। पहले दिन से ही उनके काम करने के अपने तरीके थे। वास्तव में एक कप्तान और एक खिलाड़ी के रूप में उनमें बहुत अंतर नहीं था।”
बता दें कि 15 साल पहले आज ही के दिन 2007 में, भारत ने जोहान्सबर्ग में एक रोमांचक फाइनल में पाकिस्तान को पांच रनों से हराकर आईसीसी टी20 विश्व कप के पहले संस्करण का खिताब जीता था।
24 सितम्बर को जोहानसबर्ग में भारत और पाकिस्तान के बीच खिताबी मैच खेला गया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रन बनाए। गौतम गंभीर ने सर्वाधिक 75 और रोहित शर्मा ने 30 रन बनाए। पाकिस्तान के लिए उमर गुल ने तीन विकेट अपने नाम किए थे। मोहम्मद आसिफ और सोहेल तनवीर ने एक-एक विकेट लिया था।
जवाब में पाकिस्तान की टीम 152 रनों पर सिमट गई। पाकिस्तान को अंतिम 4 गेंदों में 6 रन चाहिए थे, अंतिम ओवर जोगिन्दर शर्मा डाल रहे थे जो पहले छक्का खा चुके थे। आगे अच्छे शॉट्स खेल रहे मिस्बाह को ना जाने क्या सूझी, कि उन्होंने पीछे शॉट्स खेला। गेंद को दूरी नहीं मिली और श्रीसंत ने अच्छा कैच पकड़कर पाकिस्तान की पारी को खत्म किया।