नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘भारत में सेमीकंडक्टर के विकास और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम कार्यक्रम’ में संशोधन को मंजूरी दे दी। संशोधन के बाद विभिन्न प्रौद्योगिकी नोड्स के सेमीकंडक्टर फैब के साथ-साथ कंपाउंड सेमीकंडक्टर, पैकेजिंग और अन्य सेमीकंडक्टर सुविधाओं के लिए 50 प्रतिशत प्रोत्साहन दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्री मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने भारत में सेमीकंडक्टर के विकास और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम कार्यक्रम में संशोधनों को मंजूरी दी है। इसके तहत भारत में सेमीकंडक्टर फैब की स्थापना की योजना के तहत सभी प्रौद्योगिकी नोड्स के लिए परियोजना लागत के 50 प्रतिशत की समानता के आधार पर वित्तीय सहायता दी जाएगी। डिस्प्ले फैब स्थापित करने की योजना के तहत परियोजना लागत के 50 प्रतिशत की समानता के आधार पर वित्तीय सहायता दी जाएगी। भारत में कंपाउंड सेमीकंडक्टर व सिलिकॉन फोटोनिक्स तथा सेंसर फैब और सेमीकंडक्टर एटीएमपी व ओएसएटी सुविधाओं की स्थापना के लिए योजना के तहत पूंजीगत व्यय के 50 प्रतिशत की समानता के आधार पर वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, योजना के तहत लक्षित प्रौद्योगिकियों में डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब्स भी शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस कार्यक्रम ने भारत में फैब (सेमीकंडटर उत्पादन फैक्टरी) स्थापित करने के लिए कई वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियां आकर्षित होंगी। संशोधित कार्यक्रम से भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण के निवेश में तेजी आयेगी। संभावित निवेशकों से चर्चा के आधार पर यह उम्मीद की जाती है कि पहली सेमीकंडक्टर सुविधा स्थापित करने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सेमीकंडक्टर मिशन, जो भारत में सेमीकंडक्टर के विकास और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी है, को सलाह देने के लिए उद्योग जगत और शिक्षा जगत के वैश्विक विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति का गठन किया गया था।
सलाहकार समिति ने सर्वसम्मति से सिलिकॉन सेमीकंडक्टर फैब व सिलिकॉन फोटोनिक्स व सेंसर व डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब्स और एटीएमपी व ओएसएटी के सभी प्रौद्योगिकी नोड्स के लिए एकसमान समर्थन की सिफारिश की है, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 45 एनएम और उससे अधिक के प्रौद्योगिकी नोड्स की मांग, अन्य के साथ-साथ वाहन, विद्युत और दूरसंचार अनुप्रयोगों के कारण अधिक है। इसके अलावा, यह हिस्सा कुल सेमीकंडक्टर बाजार का लगभग 50 प्रतिशत है।