– आयोग ने राज्य सरकार से धर्मांतरण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की
नई दिल्ली, 21 सितंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने पंजाब में सिखों के धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से धर्मांतरण रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। आयोग का कहना है कि पंजाब में सिखों को बहला-फुसलाकर और उन्हें प्रलोभन देकर ईसाई बनाए जाने का मामला सामने आया है। आयोग का कहना है कि इस संबंध में कई शिकायतें आयोग को मिली हैं जिस पर आयोग ने राज्य सरकार से उचित कदम उठाने की मांग की है। यह जानकारी आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दी।
लालपुरा ने बताया कि आयोग ने सिख और ईसाई प्रतिनिधियों की एक बैठक पूर्व में आयोजित की थी जिसमें इस समस्या के समाधान पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया था। बैठक में ईसाई समुदाय के धर्मगुरुओं ने आश्वासन दिया था कि पंजाब में होने वाले धर्मांतरण को लेकर वह गंभीर हैं और इसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। लालपुरा का कहना है कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए आयोग बहुत जल्द एक और बैठक आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। उनका कहना है कि इस समस्या की वजह से पंजाब में सिख और ईसाई समुदाय के बीच आपस में कटुता बढ़ रही है जिसे समय रहते रोकने की जरूरत है।
लालपुरा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने के मामले की एक शिकायत आयोग को प्राप्त हुई है जिसपर आयोग ने कार्रवाई करते हुए सरकार से शिक्षकों का वेतन दिए जाने की मांग की है। लालपुरा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में मदरसों के सर्वेक्षण को लेकर उनके पास किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। उनका कहना है कि यह मामला राज्यों का है जिस पर आयोग हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
लालपुरा ने गुजरात के बिल्किस बानो केस से संबंधित दोषियों को जेल से रिहा किए जाने के मामले से जुड़े एक सवाल पर कहा कि यह मामला अदालत में चला गया है। इसलिए आयोग इस मामले में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई या टिप्पणी नहीं कर सकता है। आयोग चेयरमैन ने असम सहित कई राज्यों में राज्य अल्पसंख्यक आयोग का गठन नहीं किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकारों से जल्द से जल्द राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के पुनर्गठन करने की भी मांग की है।
लालपुरा ने अफगानिस्तान में 17 ऐतिहासिक महत्व के सिख गुरुद्वारों के रखरखाव और सुरक्षा का मामला उठाते हुए कहा है कि गुरुद्वारों के प्रति सिखों की आस्था है और इसे सुरक्षित रखना अफगानिस्तान सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से आने वाले सिखों का भारत में पहले भी स्वागत था और अब भी हम उनका स्वागत करते हैं।