अगले तीन साल में त्रिपुरा का हर ग्राम पंचायत और एडीसी गांव ओडीएफ प्लस होगा : पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री

अगरतला, 20 सितंबर : त्रिपुरा के प्रत्येक ग्राम पंचायत और एडीसी गांव को अगले 3 वर्षों के भीतर ओडीएफ प्लस यानी ठोस और तरल कचरा मुक्त बनाया जाएगा। एसलिए जन-प्रतिनिधियों से लेकर आम लोगों तक पारदर्शिता के प्रति जागरूकता पैदा करना आवश्यक है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री सुशांत चौधरी ने आज अगरतला टाउन हॉल में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण परियोजना के स्वच्छता पखवाड़ा चरण-दो के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही है।

आज के कार्यक्रम में जिला परिषद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत और ग्राम समिति के विभिन्न स्तरों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। ध्यान दें कि स्वच्छता पखवाड़ा चरण-दो कार्यक्रम 2019 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य ओडीएफ घोषित क्षेत्रों में पारदर्शिता को दूसरे स्तर पर ले जाना था। इसके लिए शौचालय निर्माण, सामाजिक शौचालय, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, किचन गार्डन का निर्माण, जल निकासी व्यवस्था में सुधार, कूड़ेदान की व्यवस्था, गोवर्धन परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया है।

इस अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि यह कार्यक्रम पहले और दूसरे वर्ष में 400-400 में और तीसरे वर्ष में शेष ग्राम समितियों और ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और स्वच्छ पर्यावरण के आधार पर प्रदेश में आदर्श गांव बनाए जाएं। उन्होंने दावा किया कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए शुद्ध पेयजल के साथ-साथ स्वच्छता को भी समान महत्व दिया जाना चाहिए। इसलिए किसी भी प्रकार के ठोस या तरल कचरे के उचित प्रबंधन का ध्यान रखना चाहिए।

उनके शब्दों में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से पारदर्शिता पर जोर दे रहे हैं। परिणामस्वरूप आज देश स्वच्छ भारत के निर्माण में कई क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में सफल रहा है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों और संबंधित विभागों से ठोस और तरल कचरे के उचित प्रबंधन के बारे में ग्रामीण लोगों को जागरूक करने के लिए और अधिक रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ काम करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक घर को पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने में राज्य ने राष्ट्रीय औसत को पीछे छोड़ दिया है। लेकिन भविष्य में जल स्रोत बनाने के साथ-साथ जल संरक्षण को भी उतना ही महत्व देना होगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सभी स्तरों पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि हर घर में एक भी लाभार्थी सुशासन कार्यक्रम से छूट न जाए।

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