नई दिल्ली, 16 सितंबर (हि.स.)। शेयर बाजार में आज दिनभर हुई जोरदार बिकवाली के कारण देखते ही देखते निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। आज सुबह से ही बाजार में लगातार हो रही बिकवाली के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 285.9 लाख करोड़ रुपये से घटकर 283 लाख करोड़ रुपये रह गया।
शेयर बाजार के जानकारों के मुताबिक अमेरिका में खुदरा महंगाई दर के 3 दिन पहले आए आंकड़ों की वजह से पूरी दुनिया के बाजार पर दबाव की स्थिति बन गई है। अमेरिका में महंगाई दर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है, जिसकी वजह से वहां ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जाने लगी है। इसके साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। इस आशंका के कारण दुनियाभर के बाजारों में निगेटिव सेंटिमेंट्स हावी हो गए हैं, जिसकी वजह से यूरोपीय और एशियाई बाजारों समेत भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट का रुझान बन गया है।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के मुताबिक अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले सप्ताह ब्याज दरों को लेकर अपनी नीतियों का ऐलान कर सकता है। अगस्त के महीने में खुदरा महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी के कारण माना जा रहा है कि फेडरल रिजर्व लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है। ऐसा होने से शेयर बाजारों पर प्रत्यक्ष रूप से नकारात्मक असर पड़ेगा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक ने भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की है। विश्व बैंक ने इसके अलावा वैश्विक मंदी की आशंका भी जताई है, जिसकी वजह से दुनियाभर के निवेशक बिकवाली करके अपना पैसा सुरक्षित करने की कोशिश में लग गए हैं।
प्रशांत धामी के मुताबिक भारतीय बाजार में आई गिरावट की एक बड़ी वजह दिग्गज शेयरों में हो रही बिकवाली भी है। इन दिनों दिग्गज शेयरों, खासकर आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, एचडीएफसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जमकर बिकवाली का रुख बना हुआ है। इन शेयरों का सेंसेक्स और निफ्टी की गणना में काफी वेटेज होता है। ऐसे में अभी चूंकि इन शेयरों में लगातार बिकवाली हो रही है, इसलिए इससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही सूचकांक पर तुलनात्मक तौर पर अधिक दबाव बन गया है।
मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन भी वैश्विक मंदी की आशंका को शेयर बाजारों में आई गिरावट की एक अहम वजह मानते हैं। उनके मुताबिक महंगाई के बढ़ते दबाव और मंदी की आशंका के कारण विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को समय रहते सतर्क होने की चेतावनी दी है, ताकि मंदी की आशंका को टाला जा सके। दरअसल दुनियाभर में साल 2022 में जिस तरह से महंगाई बेकाबू होकर बढ़ रही है, उसकी वजह से ज्यादातर देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने का तरीका अपनाया है। इसके बावजूद महंगाई पर अभी भी काबू नहीं पाया जा सका है। इसकी वजह से विश्व बैंक ने साल 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका जताई है।
विश्व बैंक की रिपोर्ट और अमेरिका में खुदरा महंगाई दर के बढ़े हुए आंकड़े का असर बुधवार से ही दुनियाभर के बाजारों को प्रभावित कर रहे हैं। इसकी वजह से अमेरिकी, यूरोपीय और एशियाई बाजारों में लगातार गिरावट का रुख बना हुआ है। सिर्फ एशियाई बाजारों की ही बात करें तो आज जापान का निक्केई इंडेक्स, दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स, ताइवान का ताइवान वेटेड इंडेक्स, चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स, हांगकांग का हेंगसेंग इंडेक्स और सिंगापुर का स्ट्रेट टाइम्स इंडेक्स लाल निशान में कारोबार करता रहा है। इसका असर स्वाभाविक रूप से भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। इसकी वजह से आज एक दिन के ही कारोबार में घरेलू बाजार के निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।
बाजार के जानकारों का मानना है कि फिलहाल वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल का दौर चल रहा है, जिसकी वजह से शेयर बाजार की चाल को लेकर कोई भी भविष्यवाणी करना तो दूर, शेयर बाजार की चाल के बारे में ठीक ठीक अनुमान भी नहीं लगाया जा सकता है। इसलिए छोटे निवेशकों को फिलहाल अपनी निवेश योजना बहुत संभल कर तैयार करनी चाहिए। अगर बहुत जरूरी ना हो तो छोटे निवेशकों को फिलहाल बाजार में नया निवेश करने से बचने की कोशिश करनी चाहिए।