नई दिल्ली, 14 सितंबर (हि.स.)। हिंदी दिवस पर घरेलू सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘कू ऐप’ सबसे बड़े हिंदी माइक्रो-ब्लॉग के रूप में उभरकर सामने आया है। यूजर्स को 10 मूल भारतीय भाषाओं में स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति का अधिकार देने वाले और सभी को एकजुट करने वाले मंच के रूप में कू ऐप पर हिंदी सबसे लोकप्रिय भाषा है। हर महीने हिंदी भाषा में एक करोड़ से ज्यादा अभिव्यक्तियों के साथ पिछली तिमाही के बाद से हिंदी को अपनाने में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है।
कू ऐप के पास संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, कनाडा, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात, अल्जीरिया, नेपाल, ईरान और भारत सहित 75 देशों के हिंदी भाषी हैं। ये सभी मंच पर अपनी मूल भाषा में एक-दूसरे के साथ जुड़ते और बातचीत करते हैं। ये यूजर्स बिल्कुल स्थानीय कंटेंट बनाते हैं और अपने समुदाय के खास त्योहारों और कार्यक्रमों का जश्न भी मनाते हैं। हिंदी बोलने वालों में कविता, साहित्य, कला, संस्कृति, खेल, फिल्म और आध्यात्मिकता समेत जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ-साथ प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल हैं, जो सैकड़ों विषयों के माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करते हैं।
कू ऐप के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका ने कहा, “हिंदी दिवस हिंदी की समृद्धि और विरासत का जश्न मनाता है। 60 करोड़ यूजर्स हिंदी बोलते हैं, जो इसे न केवल भारत में बल्कि दुनिया में भी सबसे बड़ी भाषाओं में से एक बनाते हैं। देसी भाषाओं में ऑनलाइन अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित करने वाले एक मंच के रूप में हमें हिंदी में नंबर-1 माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म होने पर गर्व है। बहुभाषी पोस्टिंग का हमारा अनूठा और बेहतरीन एमएलके फीचर यूजर्स को व्यापक दर्शकों तक आसानी से पहुंचने में सक्षम बनाकर भाषाई बाधाओं को और तोड़ देता है। हम लोगों के डिजिटल जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनकर रोमांचित और प्रसन्न हैं।”
मार्च 2020 में अपनी स्थापना के बाद से कू ऐप को सोशल मीडिया यूजर्स से काफी प्रेम और सराहना मिली है और यह डाउनलोड के आंकड़ों में साफ तौर पर दिखाई देता है। अगस्त 2021 में एक करोड़ डाउनलोड से प्लेटफॉर्म ने हाल ही में 4.50 करोड़ डाउनलोड हासिल किए हैं, जो कि इसकी बेहद तेज बढ़ोतरी के एक वर्ष को दर्शाता है। बिदावतका कहते हैं, “कू ऐप भारत के इंटरनेट यूजर्स की एक बड़ी आबादी द्वारा इस्तेमाल किए जाने और भविष्य में 10 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर पार करने की राह पर है। हम ऐसी तकनीक का निर्माण करते रहेंगे जो दुनिया में हर जगह देसी भाषा बोलने वालों को सशक्त बनाएगी। भारत की तरह दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत लोग अपनी मातृभाषा बोलते हैं। भारत से एक मंच होने के नाते, कू ऐप बहुभाषी समाजों की बारीकियों और लोकाचार को समझता है और हमारी तकनीक वैश्विक स्तर पर भारत को गौरवान्वित कर सकती है।”